अल्मोड़ा जेल प्रकरण: कौन है अजय गुप्ता……………………………………..

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12 से अधिक लोग हैं पुलिस के रडार में

अल्मोड़ा। अल्मोड़ा के ऐतिहासिक जेल बीते डेढ़ माह से काफी चर्चा में है। भले ही यह जेल पहले आंदोलन की गवाह रही हो।
आजकल जेल के अंदर से चरस, गांजा, रंगदारी मांगी जा रही है। एसटीएफ के छापे के बाद जेल में बड़ी गड़बड़ी भी मिली है। बीते मंगलवार को करीब 12 घंटे तक चली छापेमारी के बाद एक मोबाइल, सिमकार्ड और 24 हजार रुपये की नकदी बरामद की गई। इसके बाद 12 से अधिक लोग पुलिस के रडार में भी बताए जा रहे हैं।

पुलिस की नजर अजय गुप्ता के नाम के व्यक्ति पर बताई जा रही। पुलिस उसकी तलाश भी कर रही है। मामले में जेल कर्मियों की मिलीभगत की भी जांच की जा रही है। पुलिस का कहना है जेल के अंदर कैदियों तक आनलाइन तरीके से धन पहुंचाने वाले अजय गुप्ता के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। आनलाइन तरीके से रुपये कैदियों तक पहुंचाता था। यह धन किन-किन के खातों में आता था, यह भी जांच की जा रही है।

दो के खिलाफ दर्ज किया मुकदमा
जेल के अंदर से चरस, गांजा, रंगदारी का नेटवर्क चला रहे दो दोनों कैदियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। जांच शुरू कर दी है। उल्लेखनीय है कि मंगलवार को एसटीएफ की टीम ने अल्मोड़ा जेल में छापेमारी की थी। छापेमारी के दौरान दो कुख्यात कैदी महिपाल उर्फ बड़ा पुत्र स्व. रति राम निवासी नई जाटव बस्ती, ऋषिकेश व अंकित बिष्ट उर्फ अंगी दा पुत्र सादर सिंह बिष्ट निवासी निम्बूचौड़, कोटद्वार के पास से एक मोबाइल, सिमकार्ड और 24 हजार रुपये की नकदी बरामद की थी।

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