उत्तराखंड: ग्राम प्रधानों की सरकार को चेतावनी, वापस हो वसूली आदेश, वरना 30 मई से नहीं करेंगे ये काम

Sajag Pahad (सजग पहाड़), Almora
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अल्मोड़ा। कोरोना संक्रमण के बीच राज्य में ग्राम प्रधानों ने भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। न्याय पंचायत स्तर पर खोले गए कॉमन सर्विस सेंटर सीएससी के संचालन के लिए ग्राम पंचायतों से प्रतिमाह धनराशि वसूलने का पंचायत प्रतिनिधियों ने कड़ा विरोध जताया है। ग्राम प्रधानों ने कहा कि यदि 30 मई तक सरकार अपना आदेश वापस नहीं लेती है तो वह कोविड-19 संबंधी जिम्मेदारियों को वापस कर देंगे। ग्राम प्रधानों ने कहा कि सरकार का उनका शोषण कर रही है। इसका कड़ा विरोध किया जायेगा।

धौलछीना के प्रधानों ने जताया विरोध
सोमवार को विकासखंड भैसियाछाना के ग्राम प्रधान संगठन अध्यक्ष चंदन सिंह मेहरा के नेतृत्व में पंचायत प्रतिनिधियों ने खंड विकास अधिकारी के माध्यम से पंचायती राज सचिव को ज्ञापन भेजा। उन्होंने कहा पूर्व में भी ग्राम प्रधानों द्वारा न्याय पंचायत स्तर पर सीएससी सेंटर खोले जाने का विरोध किया गया था। सीएससी सेंटरों द्वारा ग्राम पंचायत से संबंधित कोई भी कार्य अब तक नहीं किया गया है। ग्राम पंचायतों की भी सीएससी सेंटर के माध्यम से कोई कार्य करवाए जाने की दिलचस्पी नहीं है। ऐसे में सीएससी सेंटर के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत से ढाई हजार प्रतिमाह वसूले जाने संबंधी आदेश सिर्फ पंचायतों का शोषण करने वाला है। ऐसे दमनकारी निर्णय का ग्राम प्रधान संगठन भैसियाछाना पुरजोर विरोध करता है। चेतावनी दी अगर 30 मई तक आदेश निरस्त नहीं हुआ तो ग्राम प्रधान संगठन कोविड-19 संबंधित जिम्मेदारियों को वापस लेते हुए प्रदेश स्तर पर उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होगा। यहां ग्राम प्रधान बूंगा रामपाल सिंह, ग्राम प्रधान काचुला दीवान सिंह, ग्राम प्रधान दियारी प्रेमा देवी, ग्राम प्रधान डूंगरलेख गीता चम्याल, ग्राम प्रधान दसों हरीश चम्याल, ग्राम प्रधान पूनाकोट देवेंद्र सिंह, ग्राम प्रधान बबूरिया नायल महेश बोरा आदि रहे।

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ग्राम प्रधान संगठन ताकुला- बसौली ने भी जताया विरोध
अल्मोड़ा। ग्राम प्रधान संगठन ताकुला- बसौली ने भी पंचायती राज सचिव को ज्ञापन भेजकर कामन सर्विस सेंटर में प्रत्येक ग्राम पंचायत से प्रतिमाह ली जाने वाली 2500 की धनराशि का विरोध किया है। कहा गया कि सीएचसी की ओर से आजतक कोई काम ग्राम पंचायत का नहीं किया गया है। ज्ञापन में अध्यक्ष विरेन्द्र सिंह बिष्ट के हस्ताक्षर हैं।

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2 thoughts on “उत्तराखंड: ग्राम प्रधानों की सरकार को चेतावनी, वापस हो वसूली आदेश, वरना 30 मई से नहीं करेंगे ये काम

  1. Sarkar sarkari vibhago ki union khatm karke unka vetan kam kare aam janta pahle se hi berojgari aur playan se kafi paresan hai

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