पीट-पीट कर पुत्र को मौत के घाट उतारने के दोषी पिता समेत चार अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा

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गोपेश्वर। वर्ष 2017 में पुत्र को पीट-पीट कर मौत के घाट उतारने वाले आरोपी पिता समेत चार लोगों को न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही आरोपियों पर 25-25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। जुर्माना अदा नहीं करने की स्थिति में अभियुक्तों को छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। जबकि मृतक की भाभी को साक्ष्य मिटाने का दोषी पाते हुए दो वर्ष कारावास व पांच हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई। चारों अभियुक्तों को 25-25 हजार मृतक के पत्नी को प्रतिकर दिए जाने के भी आदेश दिए हैं।

जिला सहायक शासकीय अधिवक्ता कुलदीप सिंह ने बताया कि घटना ग्राम झिंझोड़ी तहसील नारायणबगड़, जनपद चमोली की है। 10 जून 2017 को मृतक सुभाष की पत्नी ममता देवी रात को गांव के पास ही रामलीला देखकर लौट रही थी। इसी दौरान उसने देखा कि सुभाष के पिता रेवत सिंह, बहनोई इंद्र सिंह, चाचा त्रिलोक सिंह व सुरेंद्र सिंह उसके पति के साथ मारपीट कर रहे थे। सुभाष की पत्नी ने जब मारपीट का विरोध किया तो आरोपितों ने सुभाष को एक अलग कमरे में बंद कर दिया। सुबह सुभाष की स्वभाविक मौत बताकर शव को बिना पोस्टमार्टम के अंतिम संस्कार कर दिया।

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मृतक सुभाष दिल्ली में प्राइवेट नौकरी करता था। मामले में राजस्व पुलिस चौकी छैकुड़ा में छह आरोपितों के खिलाफ हत्या व साक्ष्य छिपाने तथा शव को जलाने वाले गांव के अन्य 14 व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। मामले में सुनवाई के बाद अतिरिक्त जिला सत्र न्यायाधीश कर्णप्रयाग महेश चंद्र कौशिवा की अदालत ने रेवत सिंह, त्रिलोक सिंह, इंद्र सिंह व सुरेंद्र सिंह को हत्या व साक्ष्य मिटाने का दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई, जबकि मृतक की भाभी बबीता देवी को साक्ष्य छिपाने का दोषी पाते हुए दो वर्ष कारावास व पांच हजार रुपये जुर्माना लगाकर दंडित किया।

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