राजनैतिक क्षेत्र मे वैचारिक दर्शन का जनक थे पंडित उपाधाय: भट्ट
देहरादून। भाजपा ने संगठन पथ प्रदर्शक स्व. प. दीन दयाल उपाध्याय की जयंती के अवसर पर बूथ एवं शक्ति केंद्र मे उन्हे भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी। प्रदेश मुख्यालय में हुए प्रमुख कार्यक्रम में वक्ताओं ने भाजपा सरकारों की सर्वांगीण विकास की नीति को अंत्योदय विचारों की ही देन बताया।
पार्टी मुख्यालय में पंडित दीन दयाल उपाध्याय की 108वीं जयंती पर आयोजित विचार गोष्ठी में बोलते हुए प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने उन्हें राजनैतिक क्षेत्र मे वैचारिक दर्शन का जनक बताया। उन्होंने कहा, पहली बार दीन दयाल उपाध्याय जी ने अहसास कराया कि सामाजिक कामों की तरह राजनैतिक कार्यों के लिए वैचारिक एवं सैद्धांतिक विचारधारा का होना अतिआवश्यक है। इसी जरूरत को केंद्र में रखते हुए उन्होंने एकात्म मानववाद विचार दर्शन एवं अंत्योदय के सिद्धांत को प्रतिपादित किया।
उन्होंने जोर देते हुए कहा, आज केंद्र एवं राज्य की भाजपा सरकारों के जितनी भी विकास योजनाएं संचालित हो रही हैं उसके केंद्र में दीन दयाल जी के अंत्योदय विचारों से प्रेरित हैं।कार्यक्रम में मुख्य वक्ता राष्ट्रीय उप कोषाध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद श्री नरेश बंसल ने विस्तार से दीन दयाल उपाध्याय के वैचारिक दर्शन एवं सिद्धांतों को कार्यकर्ताओं के सम्मुख प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि जिस एकात्म मानववाद और अंत्योदय के विचारों को उन्होंने दुनिया के सामने स्थापित किया, उस विचार की संरचना का उत्तराखंड से जुड़ाव रहा है। क्योंकि तत्कालीन सरसंघचालक पूज्य श्री गुरु जी ने ही उन्हें जिस संस्कृति रक्षते भारत पुस्तक के अवलोकन करने को कहा वह उत्तराखंड में थी और उसी के विचार पर एकात्म मानववाद का उद्भाव हुए। उन्होंने पंडित जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए उनके अनेकों प्रसंग सुनाकर लोगों से प्रेरणा लेने का आग्रह किया।
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