अल्मोड़ा… कुमाऊं के फोटोग्राफर पहुंचे अल्मोड़ा के इस गांव में, 72 साल के ”खीम दा” की फ़ोटो रही खास
लमगड़ा ब्लॉक के सत्यों गांव में किया फ़ोटो वाक, गांव के लोगों से मिले, जानकारी भी जुटाई
अल्मोड़ा। उदय शंकर फ़ोटो अकेडमी ने हर साल की तरह फ़ोटो दिवस के उपलक्ष्य एक खास कार्यक्रम का आयोजन किया। इस बार कुमाऊं के फोटोग्राफरों ने आयोजन के लिए लमगड़ा ब्लॉक के सत्यों गांव को चुना। यहां पर एक फोटो वाक का आयोजन किया गया। गांव में घूमकर छायाकारों ने लोगों से बात की। गांव के रहन सहन पर केंद्रित फ़ोटो भी की। गांव के लोगों से जानकारी भी जुटाई।
दरअसल,उदय शंकर फ़ोटो अकेडमी 2019 से उत्तराखंड की संस्कृति सहित सांस्कृतिक कार्यक्रमों में फोटोग्राफी करती है। इस टीम में शिक्षक, युवा, बिजनेसमैन सहित कई लोग जुड़े हैं। हल्द्वानी की युवा फ़ोटोग्राफर मनीषा पंत भी इस टीम से जुड़ी है।
हल्द्वानी लाइव के युवा पत्रकार पंकज पांडे भी इस टीम का हिस्सा हैं। आज अकेडमी से जुड़े सभी लोग तड़के सत्यों गांव पहुँचे। लोगों से बातचीत और फोटोग्राफी के बाद टीम ने भविष्य की योजनाओं को लेकर प्राइमरी स्कूल सत्यों में मंथन किया। यहां पर तय किया गया की साल में तीन बार अकेडमी की ओर से कार्यक्रम किये जायेंगे। युवाओं को फोटोग्राफी को लेकर प्रेरित किया जाएगा। एकेडमी की मजबूती के लिए काम करने के साथ रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया की जाएगी। वेबसाइट और वेब पेज भी बनाने पर बात की गई। तय किया सोशल मीडिया के माध्यम से भी अपनी फोटो को शेयर किया जाएगा।
उदय शंकर फोटोग्राफी अकादमी के संरक्षक मनमोहन चौधरी ने कहा प्राकृतिक सौंदर्य और आवासीय शिल्प कला का विशेष स्थान है। जो युवा छायाकारों को आंचलिक लोक संस्कृति परंपरा सीखने के लिए प्रेरित करता है। उन्होंने नृत्य सम्राट उदय शंकर के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने कहा की फोटोग्राफी के लिए तकनीक की जानकारी होना आवश्यक है। उससे ज्यादा विजन होना आवश्यक है।
संस्था के सचिव जयमित्र सिंह बिष्ट ने कहा कि आज फोटोग्राफी एक शौक नहीं बल्कि एक अच्छा करियर भी है। युवा इसमें बेहतरीन भविष्य बना सकते हैं। उन्होंने कहा की एक छायाकार को अपना महत्व समझना होगा। हम लोग जो फोटोग्राफी करते हैं। उससे हमारी संस्कृति का प्रचार होता है। इससे पर्यटन भी बढ़ता है। उन्होंने दैनिक जनसत्ता अखबार का जिक्र करते हुए कहा की मैंने उसमें देखा है की एक फोटो प्रकाशित होती है। वही पूरी जानकारी हमको दे देती है। अंग्रेजी अखबार द टेलीग्राफ की फ़ोटो के बारे में भी उन्होंने बताया।
संस्था उपाध्यक्ष चेतन कपूर ने हो फोटोग्राफी के क्षेत्र में नई टेक्नोलॉजी पर चर्चा की गई। संस्था के अध्यक्ष डॉ.महेंद्र सिंह मिराल ने कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए। जिस पर सभी ने सहमति जताई।
इस दौरान चेतन कपूर ,जय मित्र बिष्ट, रानीखेत ऊर्जा निगम में सहायक लेखाधिकारी नंदन सिंह रावत, देवेश बिष्ट, रमीज खान, मनमोहन चौधरी,डॉ. महेंद्र सिंह मिराल, सारांश मुंगोली, साइकिल मैन भरत शाह, गोकुल शाही, नीरज पांगती, वैभव जोशी, मोहित बिष्ट, पवन सिंह सामंत, मनीषा पंत, पंकज पांडे, उत्कर्ष कांडपाल, शालीन जोशी आदि ने प्रतिभाग किया. ग्राम सत्यों के पान सिंह सतवाल, दीवान सिंह सतवाल शामिल रहे।
72 साल के ”खीम दा” की फ़ोटो और उनकी बात
गांव में पहुँचने पर टीम के सदस्यों ने अपने अपने एंगल से फोटो ली। लेकिन गांव के 72 साल के ”खीम दा” की ठेठ पहाड़ी अंदाज में हुक्का पीने की फ़ोटो खास रही।
खीम दा ने टीम के सदस्यों को गांव के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया वह अल्मोड़ा में काफी सक्रिय रहे। स्वर्गीय सोबन सिंह जीना, स्वर्गीय शमशेर सिंह बिष्ट, और पीसी तिवारी के साथ भी वह जुड़े रहे। अपने बचपन की यादों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उनके गांव में 8 तक स्कूल नहीं था। वह पढ़ने के लिए लमगड़ा पैदल जाते। कभी समय से स्कूल नहीं पहुँच पाते।
उन्होंने तब ही ठान ली की वह गांव में स्कूल खोलेंगे। बाद में उन्होंने अल्मोड़ा पीडब्ल्यूडी में रोलर चालक की नौकरी शुरू की। करीब 1964 में उन्होंने क्षेत्र के 10 गांव के ग्राम प्रधानों ने चंदे से स्कूल खोलने को लेकर बात की। इसमें कुछ लोग राजी हुए।
इसके बाद स्वयं काम कर गांव में 8 तक स्कूल खोला। बताया कुछ साल पहले पूर्व विधानसभा अध्यक्ष ने गांव में इंटर तक स्कूल खोल दिया। उन्होंने कहा की गांव में अच्छी पढ़ाई की व्यवस्था और पानी का इंतजाम हो। और एक अस्पताल हो जिसमें सामान्य उपचार लोगों को मिल जाय तो गांव से पलायन नहीं होगा।
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