हल्द्वानी: महिला डिग्री कॉलेज की छात्राओं ने पाया बड़ा मुकाम, आप भी बधाई दीजिये

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उत्तराखंड के एक मात्र महिला राजकीय स्नातकोत्तर महिला महाविद्यालय हल्द्वानी की दो छात्राओं ने मूल्य वर्धित ऐपण आर्ट में जी आई टैग हासिल कर कुमाऊनी ऐपण कला के मूल्य वर्धित कला को राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान दिलाई।


छात्रा प्रियांशी रावत और आयुषी ने बताया कि उन दोनों को बचपन से ही कुमाऊनी ऐपण कला को लेकर एक विशेष रुचि थी फिर बारहवीं पास करने के बाद उन्होंने महिला महाविद्यालय हल्द्वानी में प्रवेश लिया। उन्होंने बताया वर्ष 2022 में महाविद्यालय में उत्तराखंड सरकार द्वारा प्रायोजित और नवाचार क्लब के द्वारा आयोजित मुख्यमंत्री नवाचार योजना के अंतर्गत एक माह के प्रशिक्षण शिविर में उन्होंने कुमाऊनी ऐपण कला सहित मूल्य वर्धित ऐपण आर्ट की बारीकियां सीखी।

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उन्होंने ने बताया कि इस प्रशिक्षण में विशेषज्ञों द्वारा हमें स्वयं का उद्यम स्थापित करने की जानकारी भी दी गई। इसके बाद हमने अपने उद्यम का पंजीकरण कराया और भारत सरकार के कपड़ा मंत्रालय द्वारा हस्तशिल्प के लिए आर्टिजन आइडेंटिटी कार्ड बनवाया। वर्ष 2024 में भारत सरकार की टेक्सटाइल मिनिस्ट्री के डेवलपमेंट कमिश्नर हस्तशिल्प द्वारा प्रायोजित तथा क्राफ्ट हाउस फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक माह के प्रशिक्षण शिविर में भाग लिया। इस प्रशिक्षण से हमारी परख और निखरी और मूल्य वर्धित ऐपण कला में हमारी समझ और गहरी हुई। इसी प्रयास से हमने इस कला को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई।


उस समय महाविद्यालय के नवाचार क्लब के नोडल अधिकारी डॉ. रितुराज पंत ने बताया कि उस समय नैनीताल जिले में ओडीओपी (वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट) के अंतर्गत कुमायूं की ऐपण कला को देखते हुए इस शिविर का प्रस्ताव उत्तराखंड सरकार को भेजा गया और प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई। उन्होंने कहा कि अब यह पहल अपने उद्देश्य को प्राप्त कर रही है। इससे न केवल कुमाऊं की ऐपण कला को मूल्य वर्धित ऐपण कला के रूप में नई पहचान मिली है।

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बल्कि महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में भी यह एक उद्देश्यपरक कदम साबित हुआ है। उन्होंने कहा कि इस प्रशिक्षण से हमारा उद्देश्य महिलाओं को इस कला के बारे में जानकारी देने के साथ ही उनको स्वरोजगार से जोड़कर उनको सशक्त करने के लिए दिशा प्रदान करना था जो इन दोनों छात्राओं ने अपने कठिन परिश्रम से कर दिखाया।

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महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो. आभा शर्मा ने छात्राओं को बधाई देते हुए कहा कि महिला महाविद्यालय हल्द्वानी की छात्राओं द्वारा जी आई टैग प्राप्त करना हमारे लिए गौरव की बात है। यह उपलब्धि न केवल हमारी बेटियों के परिश्रम और लगन का परिणाम है, बल्कि उत्तराखंड की समृद्ध लोककला को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान दिलाने वाला कदम भी है।
इस अवसर पर डॉ. गीता पंत, डॉ. फकीर सिंह, डॉ. रेखा जोशी, डॉ. ललिता जोशी, डॉ. मंजरी, डॉ. रुचि सहित अन्य शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों ने छात्राओं को शुभकामनाएं दीं।

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