बड़ी खबर…….शिक्षकों को भी अन्य कर्मचारियों की तरह ‘अग्रिम पंक्ति का कोरोना योद्धा’ माना जाय, आदेश पारित, पूरे देश में की जा रही थी मांग……….
दिल्ली: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कोविड संबंधी कार्य कर रहे शिक्षकों को भी अन्य कर्मचारियों की तरह ‘अग्रिम पंक्ति का कोरोना योद्धा’ मानने का निर्देश दिया है। मंत्रालय को यह भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि शिक्षकों को यथाशीघ्र बीमा और समान मुआवजा मिले। दिवंगत होने वाले शिक्षकों के मुआवजे की राशि एवं अन्य सेवा लाभ शीघ्र जारी करने को कहा गया है।
आदेश पारित
मानवाधिकार कार्यकर्ता एवं सुप्रीम कोर्ट में नागरिक अधिकार पर वकील राधाकृष्ण त्रिपाठी की अर्जी पर आयोग ने आदेश पारित किया। देश भर से कुछ उदाहरण देते हुए त्रिपाठी ने उल्लेख किया कि ओडिशा के गंजाम जिले के शिक्षक सीमांचल सतपती का तीन जुलाई, 2020 को निधन हो गया। मौत के दस महीने बाद भी उनके आश्रित को कोई राशि नहीं दी गई है। त्रिपाठी की अर्जी के अनुसार, भुवनेश्वर के एक अस्पताल में 27 वर्षीय बेटे का निधन होने की जानकारी मिलने के बाद उनके माता-पिता ने आत्महत्या कर ली। दादरा एवं नगर हवेली में दस शिक्षकों की मौत हो चुकी है। उल्लेखनीय है कि शिक्षक लंबे समय से कोरोना योद्धा’ घोषित करने की मांग कर रहे हैं।
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