सुंदरढूंगा ट्रैक:::: एक साथ शुरू की यात्रा….. एक साथ मौत भी…… 2017 में पूरी की थी पिंडारी ग्लेशियर की यात्रा…..
पहले भी पांच मृतक एक साथ कर चुके थे पांच से अधिक ट्रैक……
बागेश्वर: जिले के सुंदरढूंगा घाटी में 17 और 18 अक्टूबर को हुई तेज बारिश के बाद हुई बर्फबारी में देवीकुंड के आसपास लापता पांच बंगाली पर्यटको के मंगलवार को शव बरामद कर लिए गए। पांचों बंगाली ट्रैकरों के शव एसडीआरएफ देहरादून के पर्वतारोहियों ने बरामद किये। जैकुनी गांव का गाइड खिलाफ सिंह अभी भी लापता है। जिला प्रशासन ने कपकोट में पांचों ट्रैकरों का पोस्टमार्टम कर शव परिजनों को दे दिए। शवों को दिल्ली के बाद कोलकत्ता ले जाया जाएगा। शवों को छोटे चौपर और एक शव को बड़े चौपर से कपकोट लाया गया। मृतकों के परिजन विश्वजीत दास, अभिजीत दास, अनूप मंडल ने पांचों शवों की शिनाख्त की। जिला मुख्यालय से गई डाक्टरों की टीम ने कपकोट में ही पांचों शवों का पोस्टमार्टम किया। उसके बाद जिला प्रशासन ने जरूरी कागजी कार्रवाई की और शवों को दिल्ली के भेजा। डीएम विनीत कुमार ने बताया कि मृतकों के शवों को सेना के 2 हेलीकॉप्टरों के माध्यम से हेलीपैड केदारेश्वर मैदान कपकोट में उतारा गया। कपकोट सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पाचों व्यक्तियों की शिनाख्त उनके परिजनों द्वारा की गई। उन्होंने बताया कि पश्चिमी बंगाल के जिला हावड़ा बागनान के सागर दे ( 27) चंद्रशेखर दास (32) सरित शेखर दास (35), प्रीतम राय( 27) निवासी रानाघाट जिला नदिया, सादान बासक( 63) निवासी कोलकत्ता बिहाला मृतको में शामिल हैं।
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5 से अधिक बार एक साथ गए ट्रैकिंग पर….. एक परिवार की तरह थे पांच लोग…..
बागेश्वर: जिले के सुंदरढूंगा घाटी की यात्रा पर निकले पश्चिम बंगाल के पांच ट्रैकर एक परिवार की तरह थे। पांच से अधिक बार वह एक साथ पहले भी यात्रा पर निकले। पहली साहसिक यात्रा भी एक साथ शुरू की। इससे पहले 2017 में वह पिंडारी ग्लेशियर की यात्रा पर भी गए। यहीं से उन्होंने सुंदरढूंगा की यात्रा पर जाने की योजना बनाई। कोरोना संक्रमण की वजह से वह यात्रा पर नहीं आ पाए। अबकी बार 10 अक्टूबर को पांच दोस्त यात्रा पर आए। मृतकों के परिजन थियेटर एक्टर अभिजीत रॉय ने बताया की 11 अक्टूबर को उनकी आखिरी बार उनसे बात हुई। कहा कि पांच लोग आपस में दोस्त होने के साथ एक परिवार की तरह सदस्य भी थे। उन्होंने कहा कि पांचों लोग पहले हिमाचल, सिक्किम,दार्जलिंग,पिंडारी ग्लेशियर, उत्तराखंड के गढ़वाल में भी ट्रैकिंग पर एक साथ गए थे। सागर दे होम्योपैथी के डॉक्टर थे, प्रीतम भी डॉक्टर थे। सादान इनकम टैक्स अफसर के पद से रिटायर हुए थे। उन्होंने बताया कि पांच की एक साथ मौत से बेहद दुःख है।
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