नैनीताल को लेकर बड़ी चेतावनी, कही ये बात

नैनीताल। तालों की नगरी नैनीताल को लेकर विशषज्ञों ने चेतावनी जताई है। लोगों को आगाह भी किया है। कहा है कि नैनीताल भूस्खलन की दृटि से संवेदनशील है। शहर हर साल पांच से छह मिलीमीटर धंस रहा है।’ वही भूकंप को लेकर भी जानकारी साझा की है।
डीएसबी परिसर में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में यूनिवर्सिटी ऑफ पेट्रोलियम एनर्जी के प्रोफेसर गिरीश कोठारी ने कहा की नैनीताल की भार वहन क्षमता खत्म हो चुकी है। घरों का भार इतना बढ़ गया है, कि शहर धंस रहा है। भू-स्खलन का खतरा बढ़ रहा है। बलियानाला, भवाली, पाइलट बाबा आश्रम धीरे-धीरे खिसक रहे हैं। शहर पर लोड कम करने की जरूरत है।
वहीं वाडिया इंस्टीट्यूट देहरादून के वरिष्ठ वैज्ञानिक व निर्देशक विनीत गहलोत ने बताया कि उत्तराखंड में पिछले 300 से 400 साल में कोई बड़ा भूकंप नहीं आया है। लगातार अध्ययन में पता चला है जमीन के भीतर बड़ी मात्रा में ऊर्जा एकत्र हो रही है। भूकंप की दृष्टि से विशेषकर नैनीताल समेत उत्तराखंड बेहद संवेदनशील है। इस बार आने वाले भूकंप की सीमा करीब 300 किमी के आसपास की होगी। संवेदनशील क्षेत्रों के साथ-साथ 20 अन्य स्थानों पर भूकंप मापी यंत्रों को लगाया गया है।
आने वाले समय में उत्तराखंड के 15 स्थानों पर भूकंपमापी सेंसर लगाने की तैयारी की जा रही है। जबकि
लंबे समय से भूकंप पर अध्ययन कर रहे पद्मश्री हर्ष गुप्ता ने बताया आने वाले समय में हमें भूकंप के साथ रहने की आदत बनानी होगी। इसके लिए अर्थक्वेक रेजुलिन सोसायटी बनाने की आवश्यकता है। संवेदनशील क्षेत्रों विशेषकर पूरे भारत में एक दिन अर्थक्वेक डे मनाने की आवश्यकता है, ताकि भूकंप के दौरान होने वाली घटना और उससे बचाव की लोगों को जानकारी दी जा सके और ऐसी घटना के दौरान जनहानि को काम किया जा सके।
लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट पाने के लिए -
👉 सजग पहाड़ के समाचार ग्रुप से जुड़ने के लिए यहाँ पर क्लिक करें, अन्य लोगों को भी इसको शेयर करें
👉 अपने क्षेत्र की ख़बरें पाने के लिए हमारे इस नंबर +91 87910 15577 को अपने व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ें! धन्यवाद