बड़ी खबर….. अल्मोड़ा के सरकारी अस्पताल में प्रसूता के साथ मारपीट का आरोप….. नवजात की मौत….. स्टाफ पर कई तरह के आरोप….. यहां का है मामला(वीडियो)

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अल्मोड़ा न्यूज। पहाड़ में स्वास्थ्य सेवाएं पहले ही बदहाल हैं। लोगों को इलाज नहीं मिल पाता है। डॉक्टरों की कमी इसकी एक वजह है। लेकिन जिन अस्पतालों में डॉक्टर हैं। वहां पर भी लोगों को इलाज नहीं मिल पा रहा है। यहां तक मरीजों के साथ मारपीट की जा रही है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है। जिसमें एक प्रसूता और उसके परिजनों ने अस्पताल के स्टाफ और डॉक्टरों पर मारपीट और अभद्रता का आरोप लगाया है। इलाज में लापरवाही का आरोप भी लगाया है।

मामला अल्मोड़ा जिले के ताकुला में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का है। काफलीगैर गैडीगाड़ निवासी ख्याली राम लोहनी उनकी पत्नी कमला लोहनी ने बताया कि रविवार को वह अपनी गर्भवती बहू पूजा लोहनी (24) को प्रसव कराने के लिए ताकुला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में ले गए। करीब 4 बजे वह यहां पर आए। इसके बाद डॉक्टर और स्टाफ ने उनकी बहू को अस्पताल में भर्ती कर दिया। रात में बहू ने बच्चे को जन्म दिया। इसके बाद स्टाफ ने बहू को रात 1 बजे अल्मोड़ा के लिए रेफर कर दिया।

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बताया कि जब वह अल्मोड़ा महिला अस्पताल में पहुँचे तो यहां पर डॉक्टरों ने नवजात को मृत घोषित कर दिया। बहू की किसी तरह जान बची। आज प्रसूता और उसके परिजनों ने ताकुला अस्पताल के डॉक्टरों और स्टाफ पर मारपीट और अभद्रता का आरोप लगाया। प्रसूता ने बताया कि उसको जबरन कमरे में बंद कर दिया गया। उसने कमरे से बाहर आने की स्टाफ से अपील की। उसे नहीं आने दिया गया। उसके साथ मारपीट की। इसमें उसको चोट भी आई। जबकि ससुर ख्याली राम लोहनी ने बताया कि अस्पताल में डॉक्टरों ने उनकी बहू के साथ मारपीट और अभद्रता की। आरोप लगाया कि डॉक्टरों की लापरवाही से नवजात की मौत हो गई।

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इस मामले की जानकारी मिलने पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की पीएलवी भावना तिवारी ने भी मामले की जानकारी ली। उन्होंने बताया कि जो जानकारी मिली है। उसमें मारपीट की बात सामने आ रही है।

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इधर महिला अस्पताल की प्रभारी सीएमएस डॉ. प्रीति पंत ने मामले में कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया।

इस मामले में सीएमओ डॉ. आरसी पंत से जानकारी लेनी चाही।उन्होंने कॉल रिसीव नहीं की।

जबकि ताकुला प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. शुभम राजपूत ने बताया कि प्रसव के दौरान महिला ने बिल्कुल भी सहयोग नहीं किया। महिला के परिजनों ने भी कई तरह की धमकी दी। प्रसव के बाद जच्चा बच्चा को कोई परेशानी ना हो। इसके लिए उनके साथ एक डॉक्टर भी भेजा।

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