उत्तराखंड के पत्रकारों में सरकार के खिलाफ नाराजगी, कहा, मुख्यमंत्री की घोषणा भी नहीं हो रही पूरी……

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वर्किंग जर्नलिस्ट्स ऑफ इंडिया उत्तराखंड की बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा

देहरादून/हल्द्वानी।
भारतीय मजदूर संघ से सम्बद्ध वर्किंग जर्नलिस्ट्स ऑफ इंडिया (डब्ल्यूजेआई) उत्तराखंड राज्य की प्रदेश कार्यसमिति बैठक शनिवार को गूगल मीट के माध्यम से आयोजित की गई। इसमें कई मुद्दों पर चर्चा की गई। सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया। अन्य मुद्दों पर भी बैठक में चर्चा की गई। कहा कि वर्किंग जर्नलिस्ट्स ऑफ इंडिया देश का एकमात्र ऐसा पत्रकारों का संगठन है जिसने डिजिटल मीडिया के पत्रकारों को भारत सरकार से पत्रकार कहलाने का हक दिलाया। डब्ल्यूजेआई ने कोरोना काल में दिवंगत हुए पत्रकारों के आश्रितों को सरकारी नौकरी दिए जाने का वादा पूरा न किए जाने पर उत्तराखंड सरकार की कड़े शब्दों में निन्दा भी की है। वक्ताओं ने तत्कालीन मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कोरोना की चपेट में आकर जान गंवाने वाले पत्रकारों के आश्रितों को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की थी। वे अब पद पर नहीं हैं तो वर्तमान सीएम पुष्कर धामी को मुख्यमंत्री घोषणा पूरी करवानी चाहिए। प्रदेश अध्यक्ष सुनील गुप्ता एवं महामंत्री शैलेन्द्र नेगी ने कहा डब्ल्यूजेआई पत्रकारों के साथ सरकार की वादाखिलाफी को कतई बर्दाश्त नहीं करेगी। कोरोना काल में दिवंगत हुए पत्रकारों के आश्रितों को सरकारी नौकरी दिलाने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर धामी को ज्ञापन दिया जाएगा। केंद्र सरकार द्वारा श्रम कानूनों में किए संशोधनों को पत्रकारों के खिलाफ बताया है। ईपीएफ खाताधारकों के मूल वेतन या कुल वेतन के हिसाब से टोकहोम वेतन में कटौती की योजना का भी विरोध किया है। इसके अलावा कोरोना में संस्थानों से निकाले गए एवं वेतन कटौती की मार झेल रहे पत्रकारों को 10-10 हजार रुपये राहत राशि देने की मांग और स्वास्थ्य कर्मियों, पुलिस कर्मियों, सफाई कर्मचारियों की तरह पत्रकारों को भी कोरोना वॉरियर घोषित करते हुए बीमा का लाभ दिए जाने की मांग की गई है। साथ ही सदस्यता अभियान को तेज करने पर जोर दिया गया है। वर्चुअल बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष अनूप चौधरी, राष्ट्रीय महामंत्री नरेंद्र भंडारी एवं संजय उपाध्याय ने प्रतिभाग किया। संगठन परिचय और कार्यपद्धति पर प्रकाश डाला। राष्ट्रीय पदाधिकारियों ने कहा कि वर्किंग जर्नलिस्ट्स ऑफ इंडिया देश का एकमात्र ऐसा पत्रकारों का संगठन है जिसने डिजिटल मीडिया के पत्रकारों को भारत सरकार से पत्रकार कहलाने का हक दिलाया। जल्द ही डिजिटल मीडिया के लिए राष्ट्रीय नीति भी बनने जा रही है। राष्ट्रीय महामंत्री नरेंद्र भंडारी ने एक पदाधिकारी के सवाल का जवाब देते हुए कहा अन्य संगठन बेशक ये भ्रम फैलाएं की हम किसी राजनीतिक दल से हैं। लेकिन ऐसा कतई नहीं हैं। डब्ल्यूजेआई पत्रकारों का संगठन है और चाहे किसी भी राजनीतिक दल की सरकार हो हम पत्रकार हितों के लिए लड़ते रहेंगे। बैठक में के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष साकेत अग्रवाल, प्रदेश उपाध्यक्ष रजनीश ध्यानी, प्रदेश मंत्री सुमित जोशी, ऑडिटर नवीन दत्त बगौली, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य रवि दुर्गापाल, अंचल पंत, नैनीताल जिलाध्यक्ष राहुल सिंह, महामंत्री धीरज जोशी, हल्द्वानी महानगर महामंत्री ऋषि कपूर, प्रमोद डालाकोटी, गौतम कक्कड़, गितेश त्रिपाठी, गौरव तिवारी, अरुण दूबे, शिरीष आनंद, मनोज रयाल आदि शामिल हुए।

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