उत्तराखंड…शिक्षा विभाग का छात्रों के साथ मजाक, पढ़ाई हिन्दी में, प्रश्न पत्र में सवाल अंग्रेजी में….. असमंजस में शिक्षक और छात्र, पढ़े खबर

खबर शेयर करें
आज का प्रश्न पत्र

अल्मोड़ा न्यूज। उत्तराखंड के शिक्षा विभाग का भी राम ही मालिक है। कभी शिक्षक पेपर के दिन स्कूल नहीं पहुँचते हैं। कभी टाइम टेबल में गड़बड़ी। अब आज शिक्षा विभाग की फिर किरकिरी हो रही है। वह विज्ञान के प्रश्न पत्र को लेकर। शिक्षकों ने छात्रों को विज्ञान विषय हिन्दी माध्यम से पढ़ाया। आज जब प्रश्न पत्र छात्रों ने देखा तो उनके होश उड़ गए। प्रश्न पत्र में जो सवाल पूछे गए थे। वह अंग्रेजी में थे। शिक्षकों का भी प्रश्न पत्र देख माथा ठनक गया। कई स्कूलों में शिक्षकों ने प्रश्न पत्र बदला तो कई स्कूलों में शिक्षकों ने ट्रांसलेट कर छात्रों को सवाल बताए। उसके बाद छात्रों ने जवाब लिखे। सोशल मीडिया में भी शिक्षक इस बात पर चुटकी ले रहे हैं कि छात्रों की पढ़ाई(हिन्दी और अंग्रेजी दोनों माध्यमों में ) हिन्दी में, प्रश्न पत्र में सवाल अंग्रेजी में और छात्रों ने जवाब दिए हिन्दी में अब वह नंबर कैसे दे…..

इस मामले में शिक्षकों ने महानिदेशक शिक्षा को पत्र भी भेजा है। दिलचस्प बात ये भी है कि 27 जुलाई 2022 को महानिदेशक शिक्षा बंशीधर तिवारी की ओर से एक आदेश जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि विज्ञान विषय की पढ़ाई अंग्रेजी माध्यम से कराए जाने में आ रही परेशानी को देखते हुए विज्ञान विषय की पढ़ाई हिन्दी माध्यम से भी कराई जाय।

यह भी पढ़ें 👉  अनियंत्रित होकर खाई में गिरी कार, चिकित्सक की हुई मौत


दरअसल आज कक्षा 9 और 10 का विज्ञान विषय का पेपर था। शिक्षकों ने छात्रों को हिन्दी माध्यम से विज्ञान विषय की पढ़ाई कराई। लेकिन प्रश्न पत्र में अंग्रेजी माध्यम से सवाल पूछे गए थे। इससे छात्रों के साथ ही शिक्षक भी हैरान हैं।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड की पांच सीटों पर इतने फीसदी हो चुका मतदान, इन इलाकों में बहिष्कार
शिक्षा महानिदेशक की ओर से जारी आदेश

शिक्षकों ने भेजा पत्र

विज्ञान विषय के प्रश्न पत्र में अंग्रेजी में सवाल पूछे जाने पर राजकीय शिक्षक संघ अल्मोड़ा ने महानिदेशक शिक्षा को पत्र भी भेजा है।

यह भी पढ़ें 👉  लोकसभा चुनाव को लेकर मतदान समाप्त, पांच सीटों पर इतने फीसदी वोटिंग
राजकीय शिक्षक संघ अल्मोड़ा ने शिक्षा महानिदेशक को भेजा पत्र

पेपर फिर से कराने की मांग

राजकीय शिक्षक संघ के पूर्व संगठन महामंत्री पुष्पेश सांगा ने इसे बड़ी गलती मानते हुए। विभाग से इस प्रश्न पत्र को फिर से कराने की मांग की। उन्होंने कहा कि जब छात्र को विज्ञान विषय हिन्दी में पढ़ाया गया तो तो वह अंग्रेजी में पूछे गए प्रश्न पत्र में जवाब कैसे दे सकता है।

लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट पाने के लिए -

👉 सजग पहाड़ के समाचार ग्रुप से जुड़ने के लिए यहाँ पर क्लिक करें, अन्य लोगों को भी इसको शेयर करें

👉 सजग पहाड़ से फेसबुक पर जुड़ें

👉 अपने क्षेत्र की ख़बरें पाने के लिए हमारे इस नंबर +91 87910 15577 को अपने व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ें! धन्यवाद