अल्मोड़ा ब्रेकिंग…. गांव में हो गया कर्जा तो कर दी हत्या, ये है पूरा मामला, पढ़े खबर
अल्मोड़ा न्यूज। स्याल्दे तहसील में हुए हत्या के मामले में फरार चल रहे 15 हजार के इनामी आरोपी को पुलिस ने पकड़ लिया है। एसएसपी प्रदीप कुमार राय ने इस मामले में पत्रकार वार्ता कर जानकारी दी। वहीं पकड़े गए आरोपी का कहना है कि उसको काफी कर्जा हो गया था। इस वजह से उसने हत्या कर दी। फिलहाल पुलिस आरोपी को कोर्ट में पेश करने की तैयारी में जुटी है। इस मामले में एक आरोपी पहले ही पकड़ा जा चुका है।
मामला बीते 6 दिसम्बर का है। जिले के स्याल्दे में राजस्व उप निरीक्षक क्षेत्र उदयपुर में पशु व्यापार का कार्य करने वाला और भाकुड़ा (स्याल्दे) में किराये में रहने वाला अजिबुर्रहमान (40) के गायब होने की सूचना मिली। मामले में राजस्व पुलिस ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज की।
9 दिसंबर की शाम मल्ला भाकुड़ा के जड़पानी में अजिबुर्रहमान का शव गधेरे में मिला। उसका चश्मा, बाइक की चाबी, एटीएम कार्ड भी बरामद हुए। 10 दिसंबर को ये मामला अल्मोड़ा पुलिस को मिला। पुलिस ने मामले की जांच की। जांच में सुनील सिंह बिष्ट (25) निवासी तल्ला चनोली पर पुलिस को शक हुआ।
सख्ती से पूछताछ करने पर सुनील ने सच उगल दिया। उसने बताया कि उसके साथी ने उसकी हत्या कर दी। इस पर पुलिस ने सुनील सिंह बिष्ट (25) निवासी तल्ला चनोली को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। जबकि मुख्य आरोपी विरेंद्र कुमार निवासी जड़पानी पुलिस नहीं पकड़ पाई।
घटना का मुख्य आरोपी विरेन्द्र कुमार घटना को अंजाम देने के बाद से ही लगातार फरार चल रहा था। इसके लिए एसएसपी प्रदीप कुमार राय ने फरार आरोपी पर 15 हजार रुपये का ईनाम घोषित किया और सीओ रानीखेत को टीम गठित करने के लिए निर्देशित किया। इस पर पुलिस टीम ने बीते 3 दिसम्बर को आरोपी विरेन्द्र कुमार को मोहान के पास से गिरफ्तार किया। उसकी निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त धारदार हथियार फरसा व मृतक के कपड़े बरामद किए।
थानाध्यक्ष सल्ट अजेन्द्र प्रसाद ने आरोपी से पूछताछ की तो उसने बताया कि वह पेंटर का कार्य करता है। काम नही मिलने से अपने जरुरतें पूरी करने के लिए गांव के लोगों से उधार पैसे लेते रहा। जिस कारण पिछले 8-10 माह में उसके ऊपर लोगों का काफी कर्जा हो गया। घर चलाने और कर्जा उतारने के लिए वह परेशान था। यह बात उसने अपने दोस्त सुनील सिंह बिष्ट को बताकर मौके पर बुलाया और उससे कहा कि वह अजीबुर्र रहमान को जानता है। जो गाँवों से भैस खरीदने का काम करता है उसके पास मोटी रकम रहती है। अजीबुर्र खान से उसने भैस दिलाने व अपने कमीशन की बात कहकर बुलाया और उससे कहा कि तिमलखान गाँव में एक भैस है वहा चलना है।
इस पर वह तीनों तिमलखान की ओर गधेरे से होते हुए जा रहे थे। अजीबुर्र रहमान आगे-आगे चल रहा था। मौका देखकर उसने अपने बैग से धारदार फरसा निकालकर अजीबुर्ररहमान के गले पर जोर से वार किया। जिस पर वह नीचे गिर गया। इसके बाद वह दोनों नीचे कूदे। सुनील ने खान को पकड़ा और उसने 6-7 बार फरसे से उसके गले,मुह, जबड़े व हाथ पर वार किये। जिससे उसकी मौत हो गई।
इसके बाद खान की पैंट की जेब रखे 90 हजार के कैश को उन्होंने बांट लिया। खान की लाश को रस्सियों से बाधकर नीचे झाड़ियों में पत्थरों से ढककर छिपा दिया था। पुलिस टीम में थानाध्यक्ष सल्ट अजेद्र प्रसाद,मोहम्मद मंसूर, मनमोहन सिंह,भूपेंद्र सिंह, बलवंत प्रसाद, इन्द्र कुमार आदि मौजूद रहे।
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