उत्तराखंड में मध्यान्ह भोजन योजना से अंडा बाहर, पढ़े पूरी खबर

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हल्द्वानी। उत्तराखंड के स्कूलों में मध्यान्ह भोजन योजना के तहत बच्चों को मिलने वाला अतिरिक्त पोषण प्रभावित हो रहा है। अंडे की बढ़ती कीमतों ने स्कूल प्रबंधन के सामने संकट खड़ा कर दिया है। योजना के तहत प्रति छात्र 5 रुपये के बजट में अब 7-8 रुपये का अंडा देना मुश्किल हो गया है। जिसके चलते कई स्कूलों ने सप्ताह में एक दिन दिए जाने वाले अंडे को मेन्यू से हटा दिया है।


फल और लड्डू दे रहे
मध्यान्ह भोजन योजना का उद्देश्य स्कूली बच्चों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना है, ताकि उनकी शारीरिक और मानसिक विकास में सहायता मिले। अंडा, जो प्रोटीन का सस्ता और पौष्टिक स्रोत है, बच्चों के लिए महत्वपूर्ण आहार माना जाता है। बीते कुछ दिनों में अंडे की कीमतों में उछाल आया है। लिहाजा शिक्षकों ने बताया कि 5 रुपये के बजट में 7 से आठ रुपये का अंडा देना असंभव है। इसलिए फिलहाल मेन्यू से अंडा हटाना पड़ रहा है। इसके बदले फल, रामदाने के लड्डू छात्रों को दिए जा रहे हैं।

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16 हजार से ज्यादा स्कूलों में छह लाख छात्र
हल्द्वानी। शिक्षा विभाग के अफसरों ने बताया कि अभी राज्य के 16 हजार से ज्यादा स्कूलों में करीब छह लाख से ज्यादा छात्र-छात्राएं एमडीएम का लाभ लेते हैं। वहीं राज्य सरकार सप्ताह में एक दिन छात्रों को अतिरिक्त पोषण के तौर पर पांच रुपये भी देती है।

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शिक्षक नेता प्राथमिक शिक्षक संघ हल्द्वानी डीएस पडियार ने कहा कि मध्याह्न भोजन योजना के तहत बच्चों को सप्ताह में एक दिन अतिरिक्त पोषण के रूप में अंडा दिया जाता है, जिसके लिए प्रत्येक छात्र को पांच रुपये आवंटित हैं। अंडों की कीमत बढ़कर सात-आठ रुपये होने के कारण अधिकांश स्कूलों ने अंडे देना बंद कर दिया और अब छात्रों को फल, लड्डू दिए जा रहे हैं। इस बजट को बढ़ाना चाहिए।

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अपर राज्य परियोजना निदेशक सम्रग शिक्षा कुलदीप गैरोला ने बताया की उत्तराखंड में छात्र-छात्राओं को सप्ताह में एक दिन अतिरिक्त पोषण दिया जाता है। अंडे के दाम बढ़ने से कुछ कठिनाइयां हो सकती हैं। इसलिए, स्कूलों को अंडे के बजाय अन्य विकल्प फल और अन्य पौष्टिक खाद्य पदार्थ छात्रों को देने चाहिए। शासन स्तर पर बजट बढ़ाने पर विचार के लिए पत्राचार किया जाएगा।

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