अल्मोड़ा: डीएनए टेस्ट के बाद 13 साल बाद अपने माता-पिता से मिलेगी बेटी….. ये है पूरा मामला

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अल्मोड़ा: करीब 13 साल पहले अपने माता-पिता से बिछड़ गई एक बेटी कल को अपने माता-पिता से मिलने वाली है।डीएनए टेस्ट में पुष्टि के बाद बेटी को उसके परिजनों के सुपुर्द किया जाएगा। पीड़िता मूल रुप से नेपाल की रहने वाली बताई जा रही है। यह मामला राज्य में पहला बताया जा रहा है। जब आश्रय गृह में रह रही किशोरी को डीएनए टेस्ट में पुष्टि के बाद जैविक माता-पिता मिले हो।

ये है मामला
बताया जाता है जब बेटी 5 साल की थी। वह बिछड़ गई। अभी बेटी 18 साल की है। बाल कल्याण समिति नैनीताल की ओर से साल 2018 में बालिका को राजकीय बाल गृह किशोरी बख में रखे जाने का आदेश जारी किया गया। इस दौरान यहां पर दो लोग आए। जिन लोगों ने बालिका को अपनी बेटी होने का दावा किया गया। इस पर जिला बार सरंक्षण इकाई की विधि सह पर्यवेक्षा अभिलाषा तिवारी ने दोनों व्यक्तियों के डीएनए जांच के लिए राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव आरके खुल्वे को पत्र लिखा। इसके बाद डीएनए करने की इजाजत मिल गई। नियम के तहत दोनों का डीएनए की जांच की गई। बीते फरवरी माह में डीएनए की जांच रिपोर्ट आई। जांच के बाद दपंति, नाबालिग के जैविक माता-पिता पाए गए। अब जिला विधिक सेवा प्राधिकरण 24 फरवरी को पीड़िता को उसके माता-पिता के सुपुर्द करेगा। बेटी को लेने उसकी मां नेपाल से भारत पहुंच गई है। सुपुर्दगी की कार्रवाई के दौरान जिला जज, एसएसपी सहित जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव आदि मौजूद रहेंगे। सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अल्मोड़ा रवि शंकर मिश्रा ने बताया कि बालिका का डीएनए टेस्ट के बाद उसके जैविक माता-पिता की पुष्टि हुई। गुरुवार को बालिका को उसके माता पिता के सुपुर्द किया जा रहा है।

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