कुमाऊं: शादी की शहनाई के बीच बजेगा जंगल बचाओ का संदेश, पहाड़ के इस जिले का मामला

शादी-ब्याह के जश्न में अब जंगलों को आग से बचाने की मुहिम भी शामिल होगी। वन विभाग चम्पावत ने वनाग्नि की घटनाओं पर लगाम कसने के लिए एक अनोखा और रचनात्मक जागरूकता अभियान शुरू करने का फैसला किया है। इस अभियान के तहत ग्रामीण इलाकों में होने वाले विवाह समारोहों में बारातियों को जंगल में आग लगने से रोकने के लिए जागरूक किया जाएगा।
प्रभागीय वनाधिकारी (डीएफओ) ने इस अभियान को रंगारंग और प्रभावी बनाने के लिए विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों को कमर कसने के निर्देश दिए हैं। डीएफओ के मुताबिक, ग्रामीण क्षेत्रों में शादी के दौरान बारातियों द्वारा सड़कों, पैदल रास्तों पर पड़े सूखे पत्तों, पिरूल (चीड़ की सूखी पत्तियां) और घास-फूस में लापरवाही से आग लगाने की घटनाएं सामने आती हैं। एक छोटी सी चिंगारी भी जंगल को भस्म करने का कारण बन सकती है।
इसे रोकने के लिए वन विभाग ने रणनीति बनाई है। अब ग्राम प्रधानों से संपर्क कर आगामी विवाह समारोहों की जानकारी जुटाई जाएगी। बारातियों को जागरूक करने के लिए खास संदेश दिए जाएंगे, जैसे- “शादी का जश्न मनाएं, जंगल को आग से बचाएं!” इसके अलावा, ग्राम प्रहरियों और वन पंचायतों के सहयोग से गाँवों के रास्तों और पैदल मार्गों की सफाई भी कराई जाएगी, ताकि सूखे पत्तों और घास का ढेर आग का कारण न बने।
यह अभियान न केवल जंगलों को सुरक्षित रखने की दिशा में एक कदम है, बल्कि यह ग्रामीण परंपराओं के साथ पर्यावरण संरक्षण को जोड़ने की एक मिसाल भी बनेगा। वन विभाग की इस अनूठी पहल से उम्मीद है कि शादी का उल्लास जंगलों की हरियाली को नुकसान पहुंचाए बिना और भी यादगार होगा।
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