अल्मोड़ा…जीत एनएसयूआई की, नारे लगे टाइगर के और राजयोग बना पंकज का, पढ़े खबर……….
अल्मोड़ा। टाइगर जिंदा है.. ये एक फिल्म का नाम है। शायद आपको पता होगा। लेकिन अल्मोड़ा के छात्रसंघ चुनाव में इस बार टाइगर काफी चर्चा में रहा। चुनाव से पहले भी और चुनाव के बाद भी। भले ही चुनाव में महज मतदान से 24 घंटे पहले प्रत्याशी बने एनएसयूआई के पंकज सिंह कार्की के सिर में मानो राजयोग लिखा हो और वह आसानी से बड़े मतों से चुनाव जीत गए। लेकिन चुनाव में जो नाम सबसे ज्यादा चर्चा में रहा वह आशीष जोशी उर्फ टाइगर का। आशीष लंबे समय से चुनाव की तैयारी में जुटे थे। एबीवीपी से टिकट के दावेदार थे। उनको टिकट नहीं मिला तो वह निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर मैदान में आ गए। नामांकन के दिन तक सब ठीक रहा। लेकिन उनका नामांकन नहीं हो पाया।
इससे चुनावी समीकरण बदल गए। ठीक इसी तरह एनएसयूआई में हुआ। एनएसयूआई ने संजू सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया। उनका भी नामांकन नहीं हो पाया। तो डमी प्रत्याशी के तौर पंकज सिंह कार्की को प्रत्याशी बनाया। पंकज एक नया नाम और संजू सिंह की तूलना में छात्रों के बीच कम पहचान। लेकिन समीकरण ऐसे बने। मतदान से कुछ घंटे पहले प्रत्याशी बने पंकज ने एबीवीपी प्रत्याशी को कहीं भी टिकने नहीं दिया और बंपर वोटों से जीत हासिल कर ली। चर्चा में है कि आशीष जोशी उर्फ टाइगर के समर्थकों ने आशीष के चुनाव न लड़ने के बाद पंकज को वोट दिया हो और इससे पंकज की जीत आसान हो गई हो।
1277 वोट से मिली जीत
अध्यक्ष पद पर एबीवीपी के कृष्ण कुमार्र ंसह नेगी को महज 786 वोट मिले। जबकि एनएएसयूआई के पंकज सिंह कार्की को 2063 वोट मिले। छात्र उपाध्यक्ष में पंकज फत्र्याल निर्विरोध निर्वाचित हुए। छात्रा उपाध्यक्ष में दिब्या जोशी को 1176 और रूचि कुटौला को 1667 वोट मिले। सचिव पद में गौरव भंडारी को 1740 नितिन खोलिया को 1127 वोट मिले। संयुक्त सचिव पद में करिश्मा को 802 और करिश्मा तिवारी को 1918 वोट मिले। कोषाध्यक्ष पद में अमित फत्र्याल को 1124, भगवत प्रसाद आर्य को 570, वैभव सिंह नेगी को 1009, सविता दानू को 60 वोट मिले। सांस्कृतिक सचिव में नितिन रावत निर्विरोध चुने गए। विवि प्रतिनिधि में आकाश जंगपागी को 1126 और देवाशीष धानिक को 1470 वोट मिले। कला संकाय में रोहित बेलवाल, विज्ञार संकाय में भारतेंदु पंत, वाणिज्य संकाय में चन्द्र प्रकाश, द्रश्य कला संकाय में दिव्यांशु जोशी, शिक्षा संकाय में निकिता टम्टा निर्विरोध चुने गए।
आखिर क्यों हो रही कांग्रेस और बीजेपी जिला अध्यक्ष की चर्चा
अल्मोड़ा। छात्रसंघ चुनाव में भले ही पहले बीजेपी और कांग्रेस की नेताओं का दखल कम रहता था। बीते कुछ सालों में नेता भी छात्र राजनीति की रणनीति का हिस्सा बन गए हैं। यहां तक की इस बार प्रत्याशियों की रैली में कई नेता नजर आये। लेकिन चर्चा में कांग्रेस के और बीजेपी के हाल में ही नियुक्त हुए जिला अध्यक्ष हैं। जिला अध्यक्ष बनने के बाद कांग्रेस के कार्यकारी जिला अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह भोज और बीजेपी के जिला अध्यक्ष रमेश बहुगुणा के लिए छात्रसंघ चुनाव में अपने अपने छात्र संगठन से जुड़े नेताओं को जीत दिलाने की बड़ी जिम्मेदारी थी। इसमें अबकी बार कांग्रेस जिला अध्यक्ष की रणनीति सफल रही। हालांकि चर्चा ये भी है कि अल्मोड़ा में भूपेन्द्र भोज को अध्यक्ष बनाने के बाद कांग्रेस में एक नई उर्जा आ गई है। कांग्रेस नेता छात्रसंघ में मिली जीत को आगामी नगर पालिका चुनाव के लिए भी शुभ संकेत मान रहे हैं। वहीं बीजेपी नेता एबीवीपी की हार पर अभी कुछ भी बोलने से परहेज कर रहे हैं।
एबीवीपी की हार पर ये हो रही चर्चा
एसएसजे परिसर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के अध्यक्ष पद के प्रत्याशी की हार के बाद अब कई तरह की चर्चा हो रही है। छात्र कई तरह की चर्चा आपस में कर रहे हैं। चर्चा है एबीवीपी से पहले टिकट मांग रहे आशीष जोशी को टिकट नहीं मिलने के बाद निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर उनका नामांकन नहीं होना। कुछ नेताओं के फोन आना और जबरन नामांकन नहीं कराने की चर्चा ने चुनाव के समीकरण बदल दिए। चर्चा में ये भी है की आशीष के जो समर्थन में छात्र थे वह पूरी तरह उसके साथ कंधे से कंधा मिलाकर उसके साथ आखरी समय तक खड़े रहे। वहीं एबीवीपी प्रत्याशी के अच्छे व्यवहार और फेस की भी छात्रों के बीच काफी चर्चा रही। हालांकि चुनाव रिजल्ट आने के बाद एबीवीपी प्रत्याशी से बात करने की कोशिश की गई। उनसे संपर्क नहीं हो पाया।
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