विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर पढ़े, ये कविता..…….
हम सब को रखना है ध्यान
स्वास्थ्य का दुश्मन है धूम्रपान।
ले लेता है यह लोगों की जान
परिवार में सब होते परेशान।
बीड़ी,सिगरेट ,गुटखा और पान
लेने में जो,समझते अपनी शान।
इस बात से हैं वो सब अनजान
धीमा जहर है जो ले रहा है प्राण।
टीबी, खांसी, कैंसर व दमा,
जैसे जानलेवा रोगों को न बुलाएं।
ऐसी बुरी आदत को पालकर,
असमय मौत को न गले लगाएं।
हम अपने बच्चों को समझाएं
बुरी चीज को आगे न बढाएं।
पहले हम यह ज्ञान अपनाएं
फिर बच्चों को यह पाठ पढाएं।
आज तकनीकि विकास के युग में,
जहाँ विश्व बहुत आगे भी बढा है।
पर अपनी बुरी नशे की आदतों से,
इंसान बार- बार बलि भी चढ़ा है।
तम्बाकू सेवन के बदले में हम,
स्वास्थ्यवर्धक कुछ चीजें खाएं।
स्वस्थ व सुखी रहे परिवार हमारा,
मेहनत की कमाई को न ऐसे गवाएं।
मिलकर हम शपथ उठाएं आज,
तम्बाकू सेवन से मुक्त कराएं,
स्वस्थ व सुदृढ़ देश बनाने में,
हम भी कुछ कर्तव्य निभाएं।।
रचना:
दीपा आर्य (प्रधानाध्यपक)
राजकीय प्राथमिक विद्यालय लमगड़ा, अल्मोड़ा उत्तराखंड
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सराहनीय कविता मैम। आओ हम सभी मिलकर विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर इसे त्यागने का और इसे समाज से बाहर निकालने का संकल्प लें ।
सभी को तम्बाकू सेवन से रोकने का प्रयास करें ताकि समाज को इस जहर से मुक्त बना सकें।