India China Border News: उत्तराखंड के China सीमा से लगे गांव के लोग इसलिए हैं परेशान…………
अल्मोड़ा के हवालबाग में लगे विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के कृषि मेले में पहुंची महिलाओं ने बताई कई बातें
अल्मोड़ा। उत्तराखंड के ये गांव चीन सीमा के नजदीक हैं। इन गांव के लोगों लोकल उत्पाद तैयार कर इनको बेचते हैं। लेकिन कोरोना संक्रमण के बाद इनके उत्पाद नहीं बिक रहे। हालांकि विपणन और बाजार की दूरी भी इसकी वजह है। इस वजह से वहां के लोग आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। बीते शुक्रवार को अल्मोड़ा के विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान की ओर से हवालबाग में आयोजित कृषि मेले में पहुंची महिलाओं ने ये बात बताई।
चमोली जिले के विकासखंड जोशीमठ के कैलाशपुर गांव की रहने वाली मंजू डुंगरियाल ने बताया कि वह उच्च हिमालयी क्षेत्र में जड़ीबूटियों से उत्पाद तैयार करते हैं। इसको बेचते हैं।
उन्होंने बताया कि उच्च हिमालयी क्षेत्रों में होनी वाली राजमा, बादाम का तेल, तुलसी, हल्दी, जीरा, जंबू आदि उत्पाद तैयार करती हैं। जंगलों से कुटकी लाकर इसे तैयार करती हैं। लेकिन उनके उत्पाद कोरोना संक्रमण के बाद कम बिक रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनके पास जो भी उत्पाद हैं। वह काफी मेहनत कर इसको तैयार करती हैं। लेकिन विपणन और बाजार नहीं मिलने से उनको काफी नुकसान होता है। जो लोग ऊन का काम करते हैं। उनको भी काफी नुकसान हो रहा है।
चमोली जिले से वह अपने उत्पाद बेचने के लिए अल्मोड़ा आये। यहां पर भी उनके उत्पाद नहीं बिक रहे हैं। मलाड़ी गांव के रहने वाले प्रेम सिंह, दुर्गा रावत ने बताया कि क्षेत्र में राजमा, आलू, चौलाई, मडुआ की अच्छी पैदावार होती है। लेकिन उनके उत्पाद बिक नहीं पाते। इसलिए उनको आर्थिक संकट होता है। क्षेत्र की जेलम की रहने वाली पार्वती बिष्ट ने बताया कि लोकल उत्पादों को बाजार नहीं मिलने से वह आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि उनके यहां तैयार उत्पाद को बाजार मिल जाय तो उससे उनको काफी फायदा होगा।
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