टोक्यो ओलंपिक:किसी खिलाड़ी के पिता बकरी चराते हैं तो किसी के परिवार के लोग करते हैं झाड़ू-पोछा का काम………….पढ़े पूरी खबर

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दिल्ली: टोक्यो ओलंपिक में भारत के खिलाड़ी बेहद कम संसाधन होने के बाद भी शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं।ओलंपिक के सूरमा नीरज चोपड़ा, बजरंग पुनिया, रवि दहिया देश भी लौट चुके हैं। अबकी बार देश के लिए खेलने वाले खिलाड़ी बेहद निर्धन परिवार से हैं। किसी के पिता बकरी चराते हैं तो किसी के परिवार के लोग झाड़ू-पोछा का काम करते हैं। दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार हरियाणा के एथलीट संदीप कुमार के पिता गांव में बकरी चराते हैं। जबकि झारखंड की हॉकी प्लेयर सलीमा टेटे के पिता और बहनें मजदूरी कर के घर चलाती हैं। परिवार के पास घर में टीवी नहीं था तो मुख्यमंत्री के कहने पर घर में टीवी लगाया गया। हरियाणा की हॉकी प्लेयर नेहा गोयल की मां ने लोगों के घरों में झाड़ू-पोंछा करके तीन बेटियों को पाला है। इनके पास फिलहाल गांव में एक 50 गज का मकान है। राजस्‍थान की एथलीट भावना जाट की आर्थिक हालत ठीक नही है। वह रेलवे में नौकरी जरूर करती हैं, लेकिन ओलिंपिक में गईं तो उन्हें लीव विदाउट पे यानी बिना सेलरी की जॉब पर रहना पड़ा। इनके पिता और भाई भी अस्वस्थ्य रहते हैं। इलाज के लिए कोच ने मदद की। इसके बाद वह ओलिंपिक खेलने गई हैं।
हरियाणा के शूटिंग के खिलाड़ी संजीव राजपूत के पापा पहले फास्ट फूड की रेहड़ी लगाते थे। संजीव के पापा ने अब जाकर रेहड़ी लगाना बंद किया है। लेकिन जब तक संजीव ट्रेनिंग कर रहे थे तो उन्हें पापा अपनी रेहड़ी की कमाई से ही पैसे देते थे। हॉकी की कप्तान रानी रामपाल के पिता पहले घोड़ागाड़ी चलाते थे। रानी रामपाल के पापा ने अब घोड़ागाड़ी चलानी बंद कर दी है।हरियाणा के कुश्ती खिलाड़ी दीपक पूनिया के पिता लोगों के घर दूध पहुंचाते हैं। मणिपुर की मीराबाई चानू के पापा दूसरों के खेत में हल चलाते थे। अब हालत सुधर रही है। चानू के परिवार के कई लोग दूसरे खेतों में जाकर मजदूरी करते हैं।मैडल विजेता हरियाणा के रवि दहिया का परिवार किसानी करता है।

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