41 ऑनलाइन फर्जी हेली बुकिंग वेबसाइट के माध्यम से लोगों से ठगी करता था गिरोह, मास्टर माइंड को बिहार से दबोचा

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देहरादून। एसटीएफ और साईबर क्राईम पुलिस ने हैली सेवा के नाम पर पूरे भारत में ठगी करने वाले गिरोह के मुख्य सरगना को बिहार से गिरफ्तार कर लिया हैं। एसटीएफ उत्तराखंड द्वारा देशभर में 41 ऑनलाइन फर्जी हेली बुकिंग वेबसाइट के माध्यम से लोगो को ठगने वाले मास्टरमाइंड को बिहार के नवादा जिले से पीओएस मशीन के साथ गिरफ्तार करने में सफलता हाथ लगी है। एसटीएफ ने मास्टरमाइंड द्वारा संचालित की जा रही सभी 41 वेबसाइट को ब्लॉक कर दिया है। अभियुक्त की धरपकड़ में साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन देहरादून को भारत सरकार के गृह मंत्रालय के I4 सी ने डाटा विश्लेषण में सहायता की है।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन को हेली सेवा के नाम पर देशभर के लोगो से ठगी की शिकायतें ईमेल के माध्यम से [email protected] पर प्राप्त हो रही थी , जिस पर साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन के उपनिरीक्षक आशीष गुसाईं द्वारा जांच करते हुए ठगों द्वारा संचालित की जा रही 41 ऑनलाइन वेबसाइट को चिन्हित करते हुए उन्हें ब्लॉक करवाया। इस प्रक्रिया में, गृह मंत्रालय के राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर प्राप्त विभिन्न शिकायतों के तकनीकी विश्लेषण (डाटा विश्लेषण) में उन्हें I4सी की टीम द्वारा सहायता प्रदान की गई। जिसके बाद एसटीएफ व साइबर की टीम द्वारा साइबर ठगी के एक एक मामले की कड़ी को जोड़ते हुए कड़ी मेहनत करते हुए हेली सेवा के नाम पर लोगो से ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए इस गिरोह के दो सदस्य सन्नी राज पुत्र उमेश दास निवासी ग्राम मोहब्बतपुर पोस्ट पन्हेसा थाना शेखोपुर सराय जनपद शेखपुरा बिहार व बॉबी रविदास पुत्र उमेश दास निवासी ग्राम मोहब्बतपुर पोस्ट पन्हेसा थाना शेखोपुर सराय जनपद शेखपुरा बिहार को गैर राज्य बिहार के जिला शेखपुरा से गिरफ्तार किया हैं।

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जिसके बाद एसटीएफ व साइबर टीम द्वारा अभियुक्तो की निशानदेही व अन्य जांच के बाद इस गिरोह के मास्टरमाइंड नीरज कुमार पुत्र अवधेश प्रसाद निवासी ग्राम पोक्सी पो.आ. केसोरी थाना पकरीबरवां जनपद नवादा बिहार को भी उसके घर से गिरफ्तार करने में सफलता पाई। एसटीएफ द्वारा अभियुक्त के पास से 9 मोबाईल फोन, 1 टै, 5 सिमकार्ड, 1 फर्जी मोहर, 9 एटीएम कार्ड, 2 पैनकार्ड, 4 आधार कार्ड, 3 बैंक पासबुक, ब्लेंक चेक, एटीएम कार्ड स्वैप मशीन आदि बरामद किया है।अभियुक्त के पास से बरामद 4 आधार कार्ड में से एक आधार कार्ड अलग नाम व पते का है जिसकी जांच भी की जा रही है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि अभियुक्त द्वारा अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर फर्जी आईडी पर मोबाईल हैण्डसेट व सिमकार्ड प्राप्त कर हैली सेवा कम्पनियों की फर्जी आईडी बनाकर हैली सेवा कम्पनियों के नाम से वेबसाईट्स बनावा कर हैली सेवा टिकट की ऑनलाईन बुकिंग हेतु अपने मोबाईल नम्बर को व्हट्सएप्प एपीआई के जरिये उस वेबसाईट से कनेक्ट कर देते है।

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पीड़ितों द्वारा हैली सेवा टिकट की ऑनलाईन बुकिंग हेतु उक्त वेबसाईट पर विजिट करने पर व क्लिक करने पर अभियुक्त के व्हट्सएप्प से सम्पर्क हो जाता है, जिस पर अभियुक्त द्वारा पीड़ितों को हैली सेवा कम्पनियों की फर्जी आईडी भेजकर टिकट बुकिंग हेतु विश्वास दिलाकर अभियुक्त द्वारा प्रयोग किये जा रहें फर्जी बैंक खातों में पैसा डलवा कर धोखाधड़ी की जाती है। अभियुक्त द्वारा विभिन्न मोबाईल हैण्डसेट, सिम कार्ड व फर्जी बैंक खातों का प्रयोग किया जाता है। कुछ पिडितों से एक मोबाईल फोन, सिम कार्ड व बैंक खाते का प्रयोग कर धोखाधड़ी करने के बाद इनके द्वारा नये सिम, मोबाईल हैण्डसैट व बैंक खातों का प्रयोग किया जाता है।अभियुक्त ने प्रतिरूपण, फिशिंग, फर्जी हैली सेवा कम्पनियों के अधिकारी बनकर और पहचान की चोरी के जरिए पूरे भारत में लोगों को ठगा है।

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वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने अभियुक्तो द्वारा ठगी के तरीकों की जानकारी देते हुए बताया कि साइबर अपराधी ने फिनो पेमेंट बैंक पीओएस मशीन का इस्तेमाल किया जाता था। अपराधी फिनो मित्रा ऐप इंस्टॉल करता है और फिर किसी भी बैंक के एटीएम कार्ड को पीओएस मशीन से स्वाइप कर लेता है। पैसा तुरंत फिनो पेमेंट बैंक खाते में स्थानांतरित कर दिया जाता है। उनके अपराधी से आगे विभिन्न बैंक खातों में स्थानांतरण और अंत में एटीएम निकासी। पूरी प्रक्रिया में केवल कुछ मिनट लगते हैं। उन्होंने बताया कि अभियुक्त दिसंबर वर्ष 2021 में कोतवाली जयपुर राजस्थान पुलिस द्वारा जेल भेजा गया था इनके द्वारा फोन पर लड़की बनकर लोगों को ठगा जाता था जिस मामले में कोतवाली जयपुर ने इसको पकड़ा था। जहां से फिलहाल वह जमानत में बाहर है। एसटीएफ द्वारा अभियुक्त के खिलाफ की गई प्रारंभिक विवेचना में अभियुक्त नीरज के खिलाफ साइबराबाद में 2, रचाकोंडा में 1, आसिफाबाद में 1 मामला दर्ज होने की पुष्टि हुई है। एसटीएफ द्वारा अभियुक्त के अन्य साथियों की तलाश की जा रही है।

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