सियासत में नैनीताल की छाप, भाजपा ने सौंपी तीन अहम कुर्सियाँ

हल्द्वानी, वरिष्ठ संवाददाता। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को उत्तराखंड में नेताओं को दायित्व सौंपकर अपनी सियासी पकड़ मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया। इस कवायद में कुमाऊँ मंडल का नैनीताल जिला सुर्खियों में रहा। जहाँ तीन नेताओं को बड़ी जिम्मेदारियाँ दी गई हैं। छह जिलों से कुल 8 नेताओं को दायित्व दिए गए। इसमें नैनीताल जिले का दबदबा साफ दिखाई दिया।
यहां से शांति मेहरा को वरिष्ठ नागरिक कल्याण परिषद में उपाध्यक्ष, रेनू अधिकारी को राज्य महिला उद्यमिता परिषद की अध्यक्ष और श्याम नारायण पांडे को उत्तराखंड वन एवं पर्यावरण सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष की कुर्सी सौंपी गई है। नैनीताल ने कुमाऊँ मंडल में सबसे अधिक प्रतिनिधित्व हासिल किया, जबकि चंपावत जिला इस सूची से बाहर रहा। कुमाऊँ के बाकी जिलों में अल्मोड़ा से 2, बागेश्वर से 1, पिथौरागढ़ से 1 और ऊधमसिंह नगर से 1 नेता को दायित्व मिला।
सियासी मायने: भाजपा नेताओं का कहना है कि नैनीताल पर पार्टी का यह भरोसा जिले की सियासी और सामरिक अहमियत को मजबूत करेगा। पर्यटन और पर्यावरण के लिए मशहूर नैनीताल कुमाऊँ का सिरमौर है। श्याम नारायण पांडे को पर्यावरण से जुड़ी जिम्मेदारी देना इस बात का संकेत है कि पार्टी प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण को प्राथमिकता दे रही है। वहीं, रेनू अधिकारी की नियुक्ति को महिला सशक्तिकरण और मतदाताओं को जोड़ने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। जो भविष्य के चुनावी समीकरणों में अहम हो सकती है।
पार्टी में जोश
भाजपा कार्यकर्ताओं में इन नियुक्तियों से खासा जोश है। हालांकि कई नेताओं के सपने इससे टूट भी गए हैं।
रणनीति के पीछे का खेल:
जानकारी के मुताबिक, भाजपा इन नियुक्तियों के जरिए अपने नेताओं को सक्रिय रखने के साथ ही जमीनी स्तर पर संगठन की नींव को पुख्ता करना चाहती है। नैनीताल का बढ़ता सियासी कद इस बात का संकेत है कि आने वाले दिनों में यह जिला कुमाऊँ मंडल में भाजपा की रणनीति मजबूत धुरी बन सकता है।
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