50 हजार का ईनामी कुख्यात एसटीएफ ने किया गिरफ्तार, इस मामले में चल रहा था फरार

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हरिद्वार। एसटीएफ ने 5 साल पहले एक हत्या के आरोप में एक अपराधी तत्व को गिरफ्तार करने में सफलता पाई है। पकड़े गए आरोपों पर 50 हजार रुपए का इनाम घोषित किया हुआ था। वह पिछले 05 सालो से लगातार फरार चल रहा था।

 वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ  आयुष अग्रवाल ने मामले की जानकारी देते हुये बताया कि लेबर कालोनी रानीपुर हरिद्वार में 10 अगस्त 2018 को एक व्यक्ति की पुत्री के साथ तीन व्यक्तियों ने छेड़छाड़ की थी। जिसका विरोध उसके भाई हेमन्त ने किया तो अभियुक्तों वीर सिंह, बलवीर एवं विरेन्द्र द्वारा हेमन्त के साथ मारपीट कर उसके सिर पर चोट मारकर हत्या कर दी और फरार हो गये थे। जिसमें से हरिद्वार पुलिस ने एक अभियुक्त वीरेन्द्र को उसी समय गिरफ्तार कर लिया था। परन्तु इस घटना में शामिल अन्य 2 अभियुक्त वीर सिंह व बलबीर सिंह तब से लगातार फरार चल रहे थे। इन दोनों अभियुक्तों की गिरफ्तारी पर पुलिस उपमहानिरीक्षक गढ़वाल परिक्षेत्र द्वारा 50-50 हजार का ईनाम घोषित किया गया था।

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ये दोनों ईनामी हत्यारे एसटीएफ की रडार पर थे। जिनकी गिरफ्तारी को लेकर पिछले काफी समय से एसटीएफ लगातार प्रयास कर रही थी। जिसके फलस्वरुप स्पेशल टास्क फोर्स उत्तराखंड ने  31 नवम्बर को अभियुक्त वीर सिंह की गिरफ्तारी रामजीवाला छकड़ा थाना मण्डावर जनपद बिजनौर से की थी। जबकि इसी मामले मे अन्य 50,000 के फरार इनामी अभियुक्त बलबीर को लेकर स्पेशल टास्क फोर्स उत्तराखंड को महत्वपूर्ण जानकारी मिली थी। जिस पर स्पेशल टास्क फोर्स लगातार कार्य कर रही थी। इस अभियुक्त के बारे में सूचना मिली कि ये अपराधी कुछ दिन पहले से रानीपुर मोड हरिद्वार स्थित न्यू पंजाब ढाबा पर तंदूर का कार्य कर रहा है। इस सूचना पर स्पेशल टास्क फोर्स कि टीम द्वारा देर रात रानीपुर मोड हरिद्वार स्थित न्यू पंजाब ढाबा पर दबिश मार कर गिरफ्तार कर लिया।

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अभियुक्त बलबीर सिंह पुत्र श्रवण गिरी मूल निवासी ग्राम चिड़ियापुर थाना लक्सर हरिद्वार हाल लेबर कालोनी सैक्टर-2 बीएचईएल रानीपुर हरिद्वार ने पूछताछ में बताया कि घटना के बाद से ही यह वह राजस्थान चला गया था। फिर वह दिल्ली व हरियाणा मे काफी दिनों तक अपनी पहचान छिपा कर अलग-अलग होटलों मे तंदूर का काम करता रहा। कुछ दिन पहले रानीपुर मोड स्थित न्यू पंजाब ढाबे पर तंदूर का काम करने के लिए हरिद्वार आ गया था। स्पेशल टास्क फोर्स ने इस प्रकरण में फरार दोनों 50-50 हजार इनामी अपराधियों को पकड़ने मे विशेष रणनीति अपनाई गई क्योंकि दोनों ही अपराधी खानाबदोश किस्म के थे। इनका कोई स्थानीय पता न होने के कारण गिरफ्तारी कर पाना बहुत कठिन हो रहा था। साथ ही दोनों ही अपराधी किसी प्रकार से मोबाईल फोन का प्रयोग नहीं करते थे और अपने घरवालों के संपर्क मे भी नहीं रहते थे। अभियुक्तों कि गिरफ़्तारी पूर्णत मैनुवली सूचना पर सम्भव हो पायी है। 

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