उत्तराखंड: शिक्षकों के होने चाहिए अनुरोध के आधार पर तबादले
बीते 2 साल की तरह ट्रांसफर सत्र शून्य होने से लंबे समय से ट्रांसफर की राह देख रहे शिक्षक एक बार फिर निराश हैं। खासखर वह शिक्षक जो लंबे समय से तबादले की आस लगाए थे। सरकार को अनुरोध के आधार पर तो तबादले करने ही चाहिए, इस पर लगी रोक जल्द हटाई जानी चाहिए। Act के अनुसार ट्रांसफर की दो कैटेगरी है। अनिवार्य और अनुरोध। अनुरोध के विभिन्न वर्गों बीमार विदुर,विधवा, पति -पत्नी पाल्यो आदि हैं। अनुरोध के आधार पर ट्रांसफर होने से शिक्षक को उसके अनुसार स्थान मिल जाता है। साथ ही विभाग पर किसी भी तरह का आर्थिक भार भी नही पड़ता। लिहाजा मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से शिक्षक समाज के साथ कर्मचारियों को बहुत आशाएं हैं। लिहाजा पैरा 27 के अंतर्गत अनुरोध के आधार पर ट्रांसफर की अनुमति प्रदान की जाय साथ ही बीते साल जो आवेदन मांगे गए थे उन लंबित आवेदन का निराकरण किया जाय। जिससे 15 और 20 वर्षो से अधिक समय से दुर्गम की सेवा कर रहे शिक्षक शिक्षिकाओं को भी अपने परिवार माता पिता और अपने पाल्यो की समुचित देखभाल करने का अवसर प्राप्त हो सके।साथ ही पारस्परिक ट्रांसफर को भी सक्षम अधिकारी के स्तर पर रखते हुए इसकी सीमा न रखी जाए ।
हेम त्रिपाठी उपाध्यक्ष
राजकीय शिक्षक संघ नैनीताल
लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट पाने के लिए -
👉 सजग पहाड़ के समाचार ग्रुप से जुड़ने के लिए यहाँ पर क्लिक करें, अन्य लोगों को भी इसको शेयर करें
👉 अपने क्षेत्र की ख़बरें पाने के लिए हमारे इस नंबर +91 87910 15577 को अपने व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ें! धन्यवाद