युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ है अग्निवीर योजना:उत्तराखंड छात्र संगठन

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उत्तराखंड छात्र संगठन ने यहां कहा कि केंद्र सरकार सेना में अल्पकालिक संविदा की नौकरी को अग्निवीर नाम देकर देश के बेरोजगार युवाओं के भविष्य से खेल रही है। उछास ने आगाह किया कि भारतीय सेना के चरित्र को अन्य सरकारी कर्मचारियों की तरह संविदा व ठेके की नौकरी का हिस्सा बनाना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए उपयुक्त नहीं होगा।

उछास की नेत्री भारती पांडे एवं उछास की अल्मोड़ा संयोजक दीक्षा सुयाल ने यहां ज़ारी बयान में कहा कि सरकार अपने मंत्रियों, सांसदों, विधायकों को वेतन भत्ते व पेंशन देना चाहती है पर वह युवाओं को एक सुरक्षित भविष्य देने की संवैधानिक गारंटी से पीछे हटकर तेज़ी से निजीकरण व बाजारीकरण के रास्ते पर बढ़ रही है तथा देश के युवाओं को बेरोज़गारी के गर्त में धकेल रही है।

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उछास नेताओं ने कहा कि सरकार देश के उद्योग पतियों व अमीरों को मालामाल कर रही है व सेना में भर्ती की चाह रखने वाले लाखों युवाओं को कोरोना काल का बहाना बनाकर भर्तियां रोकी गई जबकि इसी दौरान सारे चुनाव, राजनैतिक रैलियां व देश की संसद ने श्रम विरोधी व किसान विरोधी कानून पास किए।

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उछास ने सरकार से सेना में संविदा की नौकरी अग्निवीर जैसी योजनाओं को वापस लेकर पहले से चली आ रही प्रक्रिया से भर्ती कराने व सुविधाएं देने की मांग की।

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उछास नेताओं ने कहा कि उछास मोदी सरकार से रोज़गार के अधिकार को मौलिक अधिकार घोषित करने व देश के हर नागरिक को सुरक्षित भविष्य की गारंटी देने की मांग करता है।

उछास ने कहा कि वह अग्निवीर भर्ती करने की व्यवस्था का विरोध करने वाले छात्र/ युवाओं के संघर्ष में पूरी ताक़त से शामिल होगा।

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