अल्मोड़ा में आशा वर्करों ने धरना दिया, ये है मांग

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अल्मोड़ा। आशा वर्करों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने न्यूनतम वेतन मान 21 हजार देने, सरकारी कर्मचारी का दर्जा नही मिलने तक अन्य वर्करों की तरह मासिक मानदेय तय करने सहित अन्य मांगों लो लेकर गयाधरना दिया। सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। शुक्रवार को एक्टू और सीटू से जूड़ी आशा कार्यकत्रियों ने मांगों के निराकरण को संयुक्त रूप से गांधी पार्क में धरना दिया।

 

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इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि आशाओं को मातृ-शिशु मृत्यू दर को कम करने के लिए नियुक्ति किया गया था। लेकिन उसके बाद से ही आशाओं पर विभिन्न सर्वे और अन्य कामों का बोझ लगातार बढ़ाया जा रहा है। लेकिन मानदेय में बढ़ोतरी नही की गई। कहा कि घर-घर कई किमी पैदल चल कर आशाए सर्वे कार्य कर रही है। जिस कारण कई आशाओं को स्वास्थ्य संबंधित परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कोरोना काल में भी आशाएं पूरे मनोयोग से सरकार की ओर से निर्देशित कामों को बखूबी निभा रही है। लेकिन उसके बाद भी सरकार आशाओं की मांगों को अनदेखा कर रही है। कहा कि अंतराष्ट्रीय महिला दिवस पर पूर्व सीएम त्रिवेंद्र की ओर से की गई घोषणा का अब तक लाभ नही मिल पाया है। जिससे आशाओं में भारी रोष है। आशाओं ने एक स्वर में आशाओं की लंबित मांगों के जल्द निराकरण के लिए सकारात्मक कदम उठाने की मांग की।

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इस मौके पर हवालबाग ब्लॉक अध्यक्ष ललिता नेगी , ब्लॉक सचिव पूजा बगड़वाल, ममता तिवारी, सरस्वती अधिकारी, गीता कनवाल, सरस्वती नेगी, नीमा जोशी, हेमा नगरकोटी, दीपा वर्मा, जानकी कांडपाल, भगवती कपकोटी, बंसती देवी, अनिता चौहान, विजय लक्ष्मी आदि मौजूद रही।
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