हाईवे किनारे के अतिक्रमण हटाने के मामले में प्रशासन ने प्रभावितों से मांगे प्रपत्र, सर्वोच्च न्यायालय में भी याचिका दायर
हल्द्वानी। उत्तराखंड उच्च न्यायालय के हाईवे किनारे से अतिक्रमण हटाने के आदेश से अतिक्रमणकारियों में हड़कंप मचा हुआ है। प्रशासन भी अतिक्रमण को चिन्हित करने का काम कर रहा है। ऐसे में अतिक्रमणकारियों की चिंता और बढ़ गई है। इस बीच प्रशासन ने अतिक्रमण की जद में आए लोगों से प्रपत्र मांगे हैं।
गौरतलब है कि उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने प्रशासन को सरकारी भूमि के साथ ही हाईवे किनारे से अतिक्रमण पूर्णतया हटाने का आदेश दिया है। बकायदा अतिक्रमण हटाने की रिपोर्ट भी प्रशासन को कोर्ट में देने के निर्देश दिए हैं। इन निर्देशों के बाद प्रशासन अतिक्रमण को चिन्हित करने में जुटा हुआ है। साथ ही अतिक्रमणकारियों को नोटिस दिए जा रहे हैं। इससे अतिक्रमण की जद में आए लोगों में खलबली मची हुई है। बताया जा रहा है कि हाईकोर्ट इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर की गई है। इस बीच प्रशासन ने अतिक्रमण की जद में आए लोगों से प्रपत्र भी मांगे हैं।
इस पर सोमवार को लालडांठ रोड स्थित मुकुल विहार में सोमवार को अतिक्रमण की जद में आ रहे सभी लोगों ने प्रपत्र उपलब्ध कराए। करीब 100 लोगों ने अपने प्रपत्र प्रशासन को सौंपे।भीमताल के पूर्व विधायक दान सिंह भंडारी ने बताया कि अतिक्रमण के खिलाफ उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने के लिए सर्वोच्च न्यायालय में याचिका लगाई गई है। भंडारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता मुकेश वर्मा व नरेंद्र कालरा ने बताया कि अभी तक अतिक्रमण की जद में आ रहे 100 लोगों के ही प्रपत्र सम्मिलित हुए हैं। पूर्व विधायक भंडारी ने बताया कि प्रशासन ने जिले में हाइवे व सडक़ किनारे के अतिक्रमण चिह्नित किये हैं। ऐसे सभी प्रभावितों से आज प्रपत्र मंगाये गये हैं ताकि किसी के साथ अन्याय न हो।
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