मेडिकल स्टोर संचालक ठगी में गिरफ्तार, पढ़े खबर

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चम्पावत। पुलिस ने आॅनलाइन ठगी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के एक ठग को गिरफ्तार किया है। वह बेहद शातिराना अंदाज में ठगी करता। आरोपी को पुलिस ने नोएडा से गिरफ्तार किया है। उससे पूछताछ की जा रही है।
मार्च 2021 में जनपद चम्पावत के थाना रीठासाहिब क्षेत्र के कैलाश चन्द्र टिटगाई पुत्र भैरव दत्त टिटगाई, निवासी डाबरी, थाना रीठासाहिब को साईबर ठग द्वारा कॉल कर उनका रिस्तेदार बताकर बताया गया की वह अपने घर पैसे भेजना चाहता है, लेकिन खाते में रुपये ट्रान्सफर नही हो पा रहे हैं। इसलिये वह एक क्यूआर कोड भेज रहा है। आप उसे स्कैन कर लें, पैसे आपके खाते में चले जायेगे। कैलाश चंद्र टिटगाई ने साईबर ठग पर विश्वार कर क्यूआर कोड को स्कैन किया गया। इस पर उनके खाते से 25000 रूपये कट गये। लेकिन उनको इसके बारे में पता नही चल पाया। साईबर ठग ने इसी तरह 04 बार क्यूआर कोड भेजकर कैलाश के खाते से कुल 100000 रुपये निकाल ली। साईबर ठग द्वारा भेजे गये क्यूआर कोड को बार-बार स्कैन करने के बाद भी रुपये कैलाश के खाते में नहीं आए तो उनको साईबर ठग पर शक हुआ। पड़ताल की गयी तो उनके खाते से एक लाख रुपये निकल चुके थे। कैलाश ने मामले की सूचना थाना रीठासाहिब थाने में दी। अज्ञात आरोपी के खिलाफ
मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस ने मामले की जांच की।
पुलिस ने फर्जी फोन पे, गूगल पे, पेटीएम व ऑनलाइन बैंकों की डिलेट के माध्यम से आरोपी की पहचान की। आरोपी नोएडा, उत्तर प्रदेश क्षेत्र का प्रकाश में आया। आरोपी की धरपकड़ के लिए एसओजी प्रभारी विरेंद्र रमौला व चल्थी चौकी प्रभारी हेमंत कठैत के नेतृत्व में पुलिस टीम नोएडा के लिए रवाना हुई। पुलिस टीम ने आरोपी फहीम अहमद पुत्र शमीम अहमद, उम्र-23 वर्ष, निवासी ग्राम फतेहपुर, जोया डिधौली, ज्योतिबा फुले नगर, अमरोहा, उत्तर प्रदेश जो कि वर्तमान में नोएडा उत्तर प्रदेश में सिटी फार्मेसी के नाम से मेडिकल स्टोर चलाता है। उसे नोएडा से गिरफ्तार किया। आरोपी ने पूछताछ में बताया कि वह अमरोहा उत्तर प्रदेश का रहने वाला है। उसने जयपुर से बी-फार्मा किया है। नोएडा में सिटी फार्मेसी नाम से मेडिकल स्टोर चलाता है। पुलिस ने बताया कि साईबर ठग स्थानीय स्तर पर ऑनलाइन फ्राड करने वाले गैंग का सदस्य है। यह गैंग लोगों को उनका रिस्तेदार बताकर या अन्य तरीके से विश्वास में लेकर उनके खाते में रूपये भेजने का लालच देकर एक क्यूआर कोड भेजते हैं।लोगों को स्कैन करने हेतु कहते है। क्यूआर कोड को स्कैन कर लिया जाता है तो उसके खाते से रुपये निकल जाते है ।

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