यूओयू का दीक्षांत समारोह……इन्हें मिले पदक और उपाधियां, की गई यह महत्वपूर्ण घोषणा

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हल्द्वानी। उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के अष्टम दीक्षांत समारोह के अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने उपाधिधारकों को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में 21 छात्रों को विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक, 2 छात्रों को कुलाधिपति स्वर्ण पदक, 3 प्रायोजित स्वर्ण पदक, 5 छात्रों को पी.एच.डी. उपाधि के साथ ही विभिन्न विधाशाखाओं के 15,417 छात्रों को स्नातक एवं स्नातकोत्तर की उपाधि प्रदान की गई।

छात्रों को शुभकामनाएं देते हुए राज्यपाल ने कहा कि जो उपाधियां आज मिली है, वे छात्रों की कड़ी मेहनत और शिक्षा के प्रति समर्पण और प्रतिबद्धता का प्रतीक है।साथ ही बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने अपने जीवन और करियर का एक महत्वपूर्ण लक्ष्य प्राप्त किया है। यह अवसर, विद्यार्थियों के साथ-साथ, उनके शिक्षकों और अभिभावकों के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है। राज्यपाल ने कहा कि जीवन में सीखने की प्रवृत्ति एक छात्र के अंदर हमेशा होनी चाहिए। जिज्ञासु बने रहना एवं उसके समाधान हेतु निरंतर अन्वेषण और शोध करते रहना चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि जीवन के हर क्षेत्र में आगे बढ़ने और समय के साथ चलना के लिए जरूरी है सभी लोग निरंतर शोध एवं नवाचार में अपना समय दे।

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय के अष्टम दीक्षांत समारोह में उपाधिधारकों को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि समारोह में उपस्थित होकर गौरवान्वित है। उत्तराखण्ड में ज्ञान की अविरल गंगा को प्रवाहित करने वाले इस संस्थान में वे एक अतिथि के रूप में नहीं, बल्कि विश्वविद्यालय परिवार के एक सदस्य के रूप में आए हैं। विश्वविद्यालय द्वारा विद्यार्थियों की प्रतिभा एवं क्षमता के आधार पर उनको विशिष्ट क्षेत्रों में तकनीकी तथा बौद्धिक रूप से सशक्त किए जाने पर प्रसन्नता जाहिर की। संबोधन में सीएम धामी ने कहा कि पिछला वर्ष विश्वविद्यालय के लिए अनेकों उपलब्धियों से परिपूर्ण रहा। विश्वविद्यालय को अपने पहले ही प्रयास में नैक द्वारा मूल्यांकन में ‘बी प्लस-प्लस ग्रेड‘ प्राप्त हुआ, वहीं विश्वविद्यालय को दिव्यांगों के क्षेत्र में विशिष्ट कार्य करने हेतु राष्ट्रपति पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। यह सभी उपलब्धियां विश्वविद्यालय के कुशल नेतृत्व और विश्वविद्यालय के शैक्षणिक, गैर शैक्षणिक कर्मचारियों के अथक परिश्रम का प्रतिफल है।

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सीएम ने अपने संबोधन में कहा प्रधानमंत्री नरेंद् मोदी के नेतृत्व में भारत 21वीं सदी की आवश्यकताओं के अनुरूप नई शिक्षा नीति को अपनाया है। देश के युवाओं के संपूर्ण विकास हेतु नई शिक्षा नीति, शिक्षा के क्षेत्र में निश्चित रूप से एक नए विश्वास की नींव रखेगी। उच्च शिक्षा मंत्री डा धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य में हर साल सभी विश्वविद्यालयों में दीक्षांत समरोह होने की परंपरा शुरू हो चुकी है। इससे विद्यार्थियों का मनोबल बढ़ता है, जो कि राज्य के लिए गर्व की बात है। दीक्षांत समारोह में कुलाधिपति, कुलपति और अन्य के द्वारा पहने जाने वाली पहाड़ी टोपी की जानकारी देते हुए कहा कि पहाड़ी टोपी वोकल फॉर लोकल की पहचान है। जो आगे लोकल फॉर ग्लोबल के सपने को साकार करेगी।  दीक्षांत समारोह के अवसर पर कुलपति ओ पी एस नेगी, विधायक लालकुआं डॉ मोहन सिंह बिष्ट, नैनीताल सरिता आर्या, भीमताल राम सिंह कैड़ा, कालाढूंगी बंशीधर भगत, भाजपा जिलाध्यक्ष प्रताप बिष्ट, मंडी परिषद के अध्यक्ष डा अनिल डब्बू, दिनेश आर्य,  दीपक मेहरा, आयुक्त कुमाऊं दीपक रावत, जिलाधिकारी वन्दना सिंह, एसएसपी पी एन मीना, अपर जिलाधिकारी शिव चरण द्विवेदी, एसडीएम परितोष वर्मा, रेखा कोहली, प्रोफेसर  राकेश रयाल, राजेंद्र क्वीरा, सहित विश्विद्यालय के छात्र और अधिकारी मौजूद थे।

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