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भारत में होम्योपैथी चिकित्सा प्रणाली क्यों है सबसे ज्यादा फायदेमंद, डॉ. कविता हर्ष ने बताया….

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अल्मोड़ा। आयुष मंत्रालय, निदेशक होम्योपैथी स्वास्थ्य और जिला होम्योपैथी चिकित्साधिकारी के निर्देश पर राजकीय होम्योपैथी चिकित्सालय जैती की ओर से ग्राम काडे जैती में निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर लगाया गया।

इसमें प्रभारी डॉ. कविता हर्ष ने गांव के लोगों को बताया कि भारत में होम्योपैथी चिकित्सा प्रणाली क्यों है सबसे ज्यादा फायदेमंद है। उन्होंने लोगों को बताया कि होम्योपैथिक दवाएं प्राकृतिक तत्वों से बनी होती हैं।

उनका इतना महीन घोल (डाइल्यूट) बनाया जाता है कि मूल पदार्थ का तत्व नगण्य हो जाता है। इससे होम्योपैथी दवाएं बेहद सुरक्षित रहती है। किसी भी अध्ययन से आज तक किसी गंभीर जोखिम या होम्योपैथी के दुष्प्रभावों की सूचना नहीं मिली है। उन्होंने लोगों को होम्योपैथी दवाईयों के बारे में बीमारियो से बचाव ,एनीमिया के बारे में जानकारी और रोकथाम के बारे में जानकारी दी।

BP व Sugar की जांच की गई । इस दौरान डॉ. कविता हर्ष ने बताया कि 19 वीं शताब्दी से ही होम्योपैथिक दवाओं और डॉ हैनिमैन द्वारा तैयार की गई दवा की प्रणाली पर लोगों का भरोसा लगातार बढ़ता गया है। वर्तमान में विश्व भर में लगभग 20 करोड़ लोग होम्योपैथिक दवाओं या उपचारों को अपनाते हैं और भारत में होम्योपैथी चिकित्सा की दूसरी सबसे लोकप्रिय प्रणाली है।

होमियोपैथी व्यक्ति के संपूर्ण शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को संतुलित करने पर बल देती है। यह दवा की एक ऐसी प्रणाली है जो शरीर की स्वयं को ठीक कर लेने की क्षमता का सम्मान करती है तथा इस कार्य में सहायक बनती है। होम्योपैथी एक सुरक्षित और सौम्य चिकित्सीय तरीका है जो कई प्रकार की बीमारियों का प्रभावी उपचार कर सकता है। इसकी आदत नहीं पड़ती है।

अर्थात रोगी को होम्योपैथिक दवाओं की लत नहीं लगती है। यह गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों सभी के लिए सुरक्षित है।
इस मौके पर लीला काडपाल, ग्राम प्रधान उमेश आर्य भी मौजूद रहे।

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