स्वास्थ्य सचिव प्रकरण: डॉ. निधि उनियाल का तबादला स्थगित करने के निर्देश

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देहरादून: डॉ. निधि उनियाल और स्वास्थ्य सचिव प्रकरण में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्य सचिव को जांच के निर्देश दिए हैं। साथ ही तत्काल प्रभाव से डॉ. निधि उनियाल के स्थानांतरण को स्थगित करने के भी निर्देश दे दिए हैं। इतना ही नहीं प्रकरण की जांच के लिए कमेटी बनाने को भी कहा गया है। इस मामले स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने भी मुख्यमंत्री से मुख्यमंत्री आवास में मिलकर प्रकरण को लेकर बात की।

स्वास्थ्य सचिव की पत्नी से हुए विवाद के बाद दून अस्पताल की वरिष्ठ महिला डॉक्टर का अल्मोड़ा तबादला कर दिया गया। तबादले को पूर्वाग्रह से ग्रस्त बताते हुए महिला डॉक्टर ने इस्तीफा दे दिया हैं। उन्होंने इस्तीफे की प्रति मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री और दून और अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य को भी भेजी है। इस पूरे प्रकरण से दून अस्पताल, दून मेडिकल कॉलेज से लेकर शासन तक में हड़कंप मचा हुआ है।

दून अस्पताल की महिला डॉक्टर के ट्रांसफर और इस्तीफे के बाद बवाल मचा हुआ है। मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। डॉक्टर के समर्थन में सोशल मीडिया में लोग खुलकर सामने आ गए हैं। निर्दलीय विधायक उमेश कुमार ने सचिवालय में धरना देने की चेतावनी दी है। साथ ही मुख्यमंत्री धामी और स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत से भी सचिव के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। लोगों का कहना है कि डॉक्टर जनता की सेवा के लिए है, किसी सचिव और उनके घर के नौकर नहीं हैं। लोगों ने इस तरह के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने की स्थिति में आंदोलन की चेतावनी दी है।

यह है मामला
शिकायतकर्ता डॉ. निधि उनियाल राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में वरिष्ठ फिजिशियन एवं एसोसिएट प्रोफेसर हैं। उन्होंने बताया कि गुरुवार को वह अस्पताल में अपनी ओपीडी में मरीजों को देख रही थीं। इसी दौरान अस्पताल प्रशासन ने उन्हें स्वास्थ्य सचिव डॉ. पंकज पांडेय की पत्नी की तबियत जांचने उनके घर जाने के लिए कहा।

मरीजों की भीड़ देखते हुए एक बार डॉ. निधि ने असमर्थता भी जताई, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने कहा कि वहां जाना जरूरी है। इस पर डॉ. निधि अपने दो मेडिकल स्टाफ के साथ उनके घर पहुंचीं। सचिव की पत्नी की जांच करने के बाद डॉक्टर ने जरूरी परामर्श दिया। उसके बाद डॉ.निधि ने ब्लड प्रेशर जांचने की भी बात कही। डॉ. निधि ने बताया कि बीपी इंस्ट्यूमेंट बाहर कार में छूट गया था, जिसे लेने उन्होंने स्टाफ को भेजा।

आरोप है कि इस पर सचिव की पत्नी नाराज हो गईं और मोबाइल फोन पर बात करते हुए डॉक्टर के बारे में अशालीन शब्दों का इस्तेमाल किया। बताया जा रहा है कि इस दौरान दोनों के बीच काफी बहस हुई। डॉ.निधि उनियाल इस पर आपत्ति जताते हुए अपने स्टाफ के साथ अस्पताल लौट गईं। डॉ.निधि ने बताया कि अस्पताल प्रशासन ने उन्हें सचिव की पत्नी से माफी मांगने के लिए कहा। डॉ.निधि ने कहा उनकी कोई गलती नहीं है तो वह क्यों माफी मांगे।

इसके बाद डॉ. निधि मेडिकल कॉलेज में क्लास में पढ़ाने चली गईं। सूत्रों ने बताया कि अस्पताल प्रशासन की ओर से कुछ अधिकारी सचिव के घर भी गए, लेकिन उनकी पत्नी ने मिलने से इनकार कर दिया। दोपहर बाद करीब तीन बजे उन्हें स्वास्थ्य सचिव की ओर से जारी आदेश थमाया गया, जिसमें उन्हें सोबन सिंह जीना राजकीय मेडिकल कॉलेज अल्मोड़ा से संबद्ध करने के लिए कहा गया। डॉ. निधि उनियाल ने इसे बहुत ही आपत्तिजनक मानते हुए कुछ देर बाद ही स्वास्थ्य सचिव को अपना इस्तीफा भेज दिया।

घर पर जाकर देखना उनका काम नहीं
इस्तीफे में डॉ. निधि उनियाल का कहना है कि वह एक क्वालीफाइड डॉक्टर हैं और देश के कई प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेज में रह चुकी हैं। पहले तो सरकारी अस्पताल में मरीजों को छोड़कर किसी के घर पर जाकर देखना उनका कार्य नहीं है। इसके बावजूद वह अस्पताल प्रशासन के कहने पर सचिव की पत्नी को देखने उनके घर गईं। डॉ. निधि ने आरोप लगाया कि वहां उनके साथ अभद्र व्यवहार किया गया, जिसका विरोध करने पर उनका तबादला किया गया है।

उधर, इस संबंध में संपर्क करने पर सचिव स्वास्थ्य डॉ. पंकज कुमार पांडेय ने बताया कि डॉ. निधि उनियाल की ओर से जो आरोप लगाए गए हैं वह पूरी तरह से झूठे हैं। राजकीय मेडिकल कॉलेज अल्मोड़ा में एसोसिएट प्रोफेसर की जरूरत थी। विभागीय प्रक्रिया के तहत ही उनका तबादला अल्मोड़ा किया गया।

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